• ABOUT US
  • DISCLAIMER
  • PRIVACY POLICY
  • TERMS & CONDITION
  • CONTACT US
  • ADVERTISE WITH US
  • तेज़ समाचार मराठी
Tezsamachar
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
Tezsamachar
No Result
View All Result

साईं के चरणों में चढ़े फूलों से बनती है अगरबत्ती

Tez Samachar by Tez Samachar
October 15, 2018
in Featured, प्रदेश
0
साईं के चरणों में चढ़े फूलों से बनती है अगरबत्ती

शिर्डी (तेज समाचार डेस्क). शिर्डी के साई मंदिर में चढ़ाए जाने वाले फूल अब कूड़े में नहीं फेंके जाते बल्कि फिर से मंदिर के काम आ जाते हैं. हालांकि इस बार उनका रंग-रूप बदल जाता है. इन फूलों को खुशबूदार अगरबत्ती में बदल दिया जाता है. साई मंदिर में रोज करीब ढाई हजार किलो फूल चढ़ाए जाते हैं. इन फूलों से अगरबत्ती बनाने का प्रोजेक्ट 11 महीने पहले ही शुरू किया गया है. तब से अब तक 45 लाख रुपए की अगरबत्ती बेची जा चुकी है. इसकी 10% रकम मंदिर ट्रस्ट को दी जाती है.
एक ओर प्रोजेक्ट से शिर्डी ट्रस्ट हर महीने लाखों कमा रहा है, वहीं शिर्डी के करीबी गांवों की भी कमाई बढ़ी है. वहां से भी रोज बड़ी मात्रा में फूल शिर्डी पहुंचाए जाने लगे हैं. ये फूल ज्यादातर गेंदा और गुलाब के होते हैं.
– 400 महिलाओं को मिला रोजगार
इस प्रोजेक्ट में सिर्फ महिलाएं काम कर रही हैं. करीब 400 महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. प्रोजेक्ट में शामिल जनसेवा फाउंडेशन की फाउंडर शालिनी विखे पाटिल ने बताया कि फूलों से अगरबत्ती बनाना सीखने के लिए हमारी टीम इजरायल गई थी. वहां हमने पूरा प्रोसेस देखा. हालांकि हमारी चिंता ये थी कि खराब फूलों का क्या इस्तेमाल हो. इसके बाद अगरबत्ती बनाने का आइडिया आया.
– 40 हजार अगरबत्ती बनती हैं हर रोज
साई मंदिर से मिले फूलों को जनसेवा फाउंडेशन लोणी गांव पहुंचाता है. यहां फूलों को रंगों के अनुसार छांटा जाता है. फिर तीन दिन तक सोलर ड्रायर में सुखाया जाता है. सूखे फूलों की पंखुड़ियों को पीसकर पावडर बनाते हैं. इसके बाद पेस्ट बनाकर अगरबत्ती बनाई जाती है, फिर इन्हें गुलाब के प्राकृतिक रंग में भिगोकर एक बार फिर सोलर ड्रयर में सुखाते हैं. सूखने के बाद 30 ग्राम के पैक में पैकिंग की जाती है. यहां हर रोज 40 हजार अगरबत्ती बनाई जाती हैं.
– दिनभर होती है फूलों की छटाई-सफाई
प्रोजेक्ट संचालिका धनश्री विखे पाटिल के मुताबिक प्रोजेक्ट में काम करने वाली महिलाएं दिनभर फूल और तुलसी के पत्तों को छांटते हैं. इससे उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. वहीं, बाजार में बिकने वाली अन्य अगरबत्तियों में कोयले के पावडर का इस्तेमाल होता है, जिससे कैंसर जैसी बीमारी का खतरा होता है. सीईओ रूबल अग्रवाल के मुताबिक रोज लाखों श्रद्धालु शिर्डी आते हैं. यहां वे बड़ी मात्रा में फूल और मालाएं चढ़ाते हैं. दुविधा ये थी कि इन फूलों का क्या किया जाए. फिर इन फूलों से अगरबत्ती बनाने का निर्णय लिया. अभी तक इन फूलों को नष्ट करने में काफी खर्च होता था, लेकिन अब इन्हीं से कमाई हो रही है.

Tags: sent stick make by flowers in shirdiShirdi ke sai babatezsamachar
Previous Post

जब आइंस्टाइन को घर पहुँचाया

Next Post

बलात्कार पीड़ित बच्ची के साथ माता-पिता अस्पताल से गायब

Next Post
बलात्कार पीड़ित बच्ची के साथ माता-पिता अस्पताल से गायब

बलात्कार पीड़ित बच्ची के साथ माता-पिता अस्पताल से गायब

  • Disclaimer
  • Privacy
  • Advertisement
  • Contact Us

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.