सुबह के समाचारपत्रों में यह तस्वीर छपी . छपनी जरुरी थी . माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कल आदेश में यह साफ साफ लिखा था कि समलैंगिकता कानूनी मान्य है और सभी समाचार माध्यम इसे प्रमुखता से प्रकाशित करें . तो यह तस्वीर छपी . मुझे तो घिन्न आयी लेकिन साथ ही कौतूहल हुआ कि यह महाशय कौन है ? इनका जलवा क्या है ? तो एक बहुत ही रोचक जानकारी सामने आई . इसमे गहरा कांग्रेस कनेक्शन सामने आया . और सामने आई राजीव गांधी की पुरानी कहानी .
रावलपिंडी के एक खत्री व्यापारी परिवार में सन 1946 में जन्मे थे ललित सूरी. विभाजन के बाद उनके परिवार को रिफ्यूजी सेटलमेंट योजना से दिल्ली में पेट्रोल पम्प मिला. इसके साथ सूरी परिवार ने ऑटो पार्ट्स की डीलरशीप ले ली. कोलम्बिया स्कूल में प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद दस साल की उम्र में ललित सूरी को दून स्कुल भेजा गया.
संयोग से इस बोर्डिंग स्कूल में उन्हें सहपाठी मिले- राजीव गाँधी और संजय गाँधी. राजीव गाँधी और ललित सूरी वहां वर्षों तक होस्टल के एक कमरे में रहे. इस दौरान वे ‘गहरे’ दोस्त बन गए . इसके बाद श्री राम कालेज से ग्रेज्युएट ललित सूरी ने दो साल दिल्ली में एक कार्पोरेट हाउस में नौकरी की.
इस दौरान राजीव गांधी की सलाह पर सूरी परिवार ने आतिथ्य सत्कार उद्योग में इंट्री ली और जन्मी एक कम्पनी- ललित होटल्स, पैलेसेस एंड रिसोर्ट्स. ललित सूरी इसके जॉइंट मैनेजिग डायरेक्टर बने. सन 1984 में राजीव गाँधी प्रधानमन्त्री बने. इस सम्पर्क से ललित सूरी राज्यसभा के सदस्य बनने के साथ दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरु, गोआ, उदयपुर, श्रीनगर, खजुराहो और केरल में देश के प्रमुख होटेलीअर बन गए.
होटल इंडस्ट्री में ललित सूरी के इस ग्रुप को कैसे जमकर सरकारी फायदा पहुंचाया गया इसका ज्वलंत कोलकाता की ग्रेट ईस्टर्न होटल का पुनरुद्धार.
सन 1841 में, इंग्लिश बेकर डेविड विल्सन द्वारा, कोलकाता में स्थापित ग्रेट ईस्टर्न होटल कभी ‘ज्वेल आफ द ईस्ट’ के नाम से मशहूर थी. यहाँ 100 कमरे और एक डिपार्टमेंटल स्टोर था. सन 1983 में इलेक्ट्रीफाईड होने वाले देश के इस पहले होटल को महात्मा गाँधी, निकिता ख्रुश्चेव, एलिजाबेथ सेकंड, मार्क ट्वेन, रुडयार्ड किपलिंग जैसी हस्तियों के आतिथ्य का गौरव मिला था. पश्चिमी बंगाल में नक्सली आंदोलन ने 1970 के दशक में इस होटल को बर्बाद कर दिया तो सरकार ने इसे अधिकृत कर लिया. बाद में ललित सूरी ने इस प्रापर्टी को राज्य सरकार से 52 करोड़ रुपए में खरीदा लिया. उनकी पत्नी ज्योत्सना सूरी ने 320 करोड़ रुपए खर्च करके इसका पुनरुद्धार किया है. इस हेरिटेज फाइव स्टार “ललित ग्रेट इस्टर्न होटल” के हेरिटेज ब्लाक में क्वीन एलिजाबेथ सेकंड के घोड़े द्वारा जीती रेस के कप की आठ फीट ऊँची प्रतिकृति और एक जर्मन मेक पुराना विशाल पियानो रखा गया है, जो 120 साल आयकोनिक होटल के गौरवशाली दिनों की याद दिलाते हैं.. इन मॉन्यूमेंट्स की कीमत ही आज के मार्केट के हिसाब से अरबों रुपये की है .
अक्टूम्बर 2006 को लन्दन में अप्रवासी भारतियों द्वारा आयोजित तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहनसिंह के सम्मान समारोह में ललित सूरी को ह्रदयघात हुआ और दूसरे दिन उनका लन्दन में ही निधन हो गया
इन्ही ललित सूरी की नई दिल्ली स्थित 5 स्टार होटल में समलैंगिकता को मान्य होने का जश्न मनाया गया .एलजीबीटी कार्यकर्ताओं ने नई दिल्ली के ललित होटल के बाहर और अंदर डांस कर फैसले का स्वागत किया.
आज सुबह जो चुम्बन लेती तस्वीर छपी वह इसी होटल के मालिक और ललित सूरी के इकलौते पुत्र केशव सूरी की है.केशव ललित होटल के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर हैं . केशव ने अपने समलैंगिक पार्टनर साइरल एफ के साथ पैरिस में कुछ समय पूर्व शादी कर ली थी . केशव और साइरल बीते 10 सालों से दिल्ली स्थित उनके घर में लिव-इन में रह रहे थे. लेकिन शादी का सामूहिक जश्न कल मनाया गया.
केशव ने यह भी कहा कि ’10 साल हमने काफी तकलीफें झेलीं, मुझे बीते इन सालों के हर एक पल से प्यार है.’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ‘इस फैसले के बाद मुझे भारतीय होने का गर्व है ‘.
ये कैसी तकलीफें थी ? ये कैसा प्यार है ? ये कैसा गर्व है ? आपको समझ आये तो बताइयेगा .