पिंपरी (तेज समाचार डेस्क). कोविड समर्पित वाईसीएम हॉस्पिटल में डॉक्टरों के साथ बदसलूकी करने के आरोप के चलते भाजपा नगरसेवक संदीप वाघेरे को सभागृह नेता नामदेव ढाके ने नोटिस जारी किया है. अनुशासनहीनता की इस नोटिस में वाघेरे के बर्ताव से पार्टी की छवि खराब होने की बात कही गई है. इस नोटिस के जवाब में वाघेरे ने सवाल उठाया कि एक जनप्रतिनिधि के नाते जनहित में आवाज उठाना गलत है क्या? उन्होंने अपने जवाब में न केवल डॉक्टरों से बदसलूकी के आरोप को नकारा बल्कि यह दावा किया है कि उस रात के पूरे वाकये का उनके पास वीडियो है. जनहित में काम करते वक्त पार्टी की ओर से ऐसी नोटिस भेजे जाना मेरे लिए क्लेश दायक है.
– विवाद के बाद डॉक्टरों ने किया था काम बंद आंदोलन
पिंपरी चिंचवड़ मनपा के वाईसीएम हॉस्पिटल में 26 जुलाई की रात नगरसेवक संदीप वाघेरे और डॉक्टरों के साथ विवाद हुआ था. इसके बाद बदसलूकी का आरोप लगाते हुए डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी थी. हालांकि इस बारे में किसी ने पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई. वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों के समझाने बुझाने के बाद डॉक्टर वापस काम पर लौट गए. इसके बाद ऐसे बर्ताव से पार्टी की छवि खराब होने का हवाला देते हुए सभागृह नेता नामदेव ढाके ने वाघेरे को अनुशासन हीनता की नोटिस जारी की. अब वाघेरे ने इस नोटिस के जवाब में पूरा स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने इसमें कहा है कि वे भाजपा की नीति, नियमों, ध्येय, अनुशासन आदि से भलीभांति परिचित हैं. वे पूरे शहर में सर्वाधिक 16 हजार 116 वोटों से जीतकर आये हैं. कोरोना के संकटकाल में एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के नाते लगातार लोगों की मदद में जुटे हैं.
– वृद्ध महिला की नहीं हो रही थी ठीक से देखभाल
अपने स्पष्टीकरण में वाघेरे ने कहा कि, वाईसीएम हॉस्पिटल में प्रभाग की रहवासी कौशल्या कुदले नामक एक बुजुर्ग महिला की तबीयत गंभीर थी. 23 जुलाई को उन्हें भर्ती कराया गया था और उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी. तमाम कोशिशों के बाद उन्हें प्लाज्मा थेरेपी भी उपलब्ध कराई. उन्हें आईसीयू में भर्ती करने को लेकर वाघेरे लगातार डॉक्टरों से गुजारिश करते रहे. इसके बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. उनके बच्चों की गुजारिश पर वे उस रात हॉस्पिटल गए थे. तब उन्हें वार्ड के दूसरे मरीजों से पता चला कि कुदले बेड से नीचे गिर गई थी फिर भी कोई डॉक्टर या नर्स, वार्डबॉय नहीं आया. उसी दौरान उनकी मौत हो गई.
– नहीं की कोई बदसलूकी
नगरसेवक वाघेरे ने बताया कि जब वे वहां पहुंचे तब डॉक्टर कुदले को आईसीयू में ले जाने लगे. तब उन्होंने उनसे कहा कि अब जब वह मर गई हैं तब ये नाटक क्यों किया जा रहा है? इस पर डॉक्टर ने उनसे बदतमीजी करते हुए आप कौन हो, यहां कैसे चले आये, आपका क्या संबन्ध जैसे सवाल किए. जब उन्होंने अपना परिचय दिया तब भी डॉक्टर उनसे बदतमीजी करता रहा. इस पूरे मामले का वीडियो रिकॉर्डिंग उनके पास है. इसके दूसरे दिन डॉक्टरों ने मुझ पर आरोप लगाते हुए हड़ताल कर दी. जबकि मैंने कोई बदसलूकी या गालीगलौज नही की. असल मे पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) डॉक्टरों को स्थायी सेवा में शामिल करने का वाघेरे लगातार विरोध कर रहे हैं. उनकी मनमानी और लापरवाही कामकाज को लगातार सामने ला रहे हैं. इस वजह से डॉक्टरों ने उनके खिलाफ साजिश रची है. यह आरोप लगाते हुए नगरसेवक वाघेरे ने पार्टी की ओर अनुशासनहीनता की नोटिस जारी करने को क्लेश दायक बताया है.