जुन्नर (तेज समाचार डेस्क). जब बच्चों की जान पर आ जाए, तो मां कितना रौद्र रूप धारण कर लेती है, फिर सामने कोई भी हो, उसे कोई नहीं डरा सकता. ऐसी ही एक घटना जुन्नर में घटी, जिसमें अपने बच्चे को बचाने के लिए मां तेंदुए से भिड़ गई और अपने बच्चे को तेंदुए के जबड़े से छुड़ा लाईं, हालांकि बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया है. उसका पिंपरी के वाईसीएम हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. महिला के इस अदम्य साहस की प्रशंसा पूरे परिसर में की जा रही है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार दीपक और दीपाली माली गन्ना मजदूर हैं और उनका डेढ़ साल का बेटा ज्ञानेश्वर है. दिन भर खेतों में काम करने के बाद वे रात को झोपड़ी के बाहर बच्चे के साथ सो रहे थे. अचानक रात को तेंदुआ उनके बच्चे पर झपट्टा मार कर जबड़े में दबोचकर भागने लगा. बच्चे के रोने की आवाज सुनकर दीपाली की नींद खुली और जब वहां का दृश्य देखा तो उसके पैरों तले जमीन की सरक गई. तेंदुआ उसके बेटे को मुंह में दबाकर भाग रहा था. इस पर दीपाली ने आव देखा ना ताव वह तेंदुए से भिड़ गई. उसके हाथ में बच्चे का एक पैर आ गया दूसरा पैर तेंदुए के जबड़े में ही था.
– बच्चे की बाईं आंख में गंभीर चोट
तेंदुए के हमले में घायल हुए डेढ़ साल के ज्ञानेश्वर की बाईं आंख में गंभीर चोट आई है, लेकिन उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. यह जानकारी ज्ञानेश्वर का इलाज कर रहे शिशु रोग विशेषज्ञ प्राजक्ता कदम और डॉ. विनायक पाटिल ने दी है.
– अकेले जूझती रही तेंदुए से
जैसे ही दीपाली ने देखा की तेंदुआ उसके बेटे को लेकर भाग रहा है. दीपाली ने बच्चे का पैर मजबूती से पकड़ लिया और मदद के लिए चिल्लाने लगी. इस बीच उसके पति दीपक ने आकर तेंदुएं के सिर पर किसी चीज से वार किंया तो बच्चा तेंदुए के मुंह से छूट गया और वह जंगल की ओर भाग गया. इसके बाद बच्चे को तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए ओतूर के हॉस्पिटल ले जाया गया जहां से उसे पिंपरी के वाईसीएम हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया. इस बीच वन-विभाग के कर्मचारियों ने इस परिवार को आर्थिक मदद देने का भी आश्वासन दिया है.