– स्कूलों द्वारा वसूली जाने वाली फीस मुद्दे पर शिक्षण मंत्री वर्षा गायकवाड से की मुलाक़ात
मुंबई (तेज समाचार डेस्क). कोरोना महामारी ने दुनिया की अर्थ व्यवस्था को पूरी तरह से तोड़ दिया है. साथ ही इस महामारी की वजह से शिक्षा पर भी गहरा असर पड़ा हैं. बच्चों के स्कूल बंद होने से कई जगहों पर घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई की जा रही हैं. परन्तु इस ऑनलाइन पढ़ाई का खामियाजाना अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा हैं. अभिभावकों को इस कठिन घड़ी में भी भारी भरकम फीस भरनी पड़ रही हैं. इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर ऑल इण्डिया पेरेंट्स एसोसिएशन महाराष्ट्र राज्य से एक शिष्टमंडल ने सोमवार को राज्य की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड से मुलाकात की. इस दौरान आईपा महाराष्ट्र टीम ने उन्हें कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा वसूली जाने वाली फीस को कम करने हेतु और ऑनलाइन पढ़ाई संदर्भ में एक ज्ञापन सौंपा और उनसे स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी पर चर्चा भी की.
– पारदर्शिता होनी चाहिए
इसके साथ ही आईपा और सिसकॉम संस्था ने इस पत्र के जरिये मांग की है कि राज्य में फीस के मुद्दे पर पारदर्शिता होनी चाहिए और इसके लिए राज्य में एक समिति का गठन भी होना चाहिये. जिससे कि राज्य में स्थित सभी निजी शालाओं का समिति के साथ समन्वय होगा और कोई भी शाला अभिभावकों को फीस भरने को लेकर परेशान न कर सकें. इसके साथ ही निजी शालाओं में अतिरिक्त गतिविधियों पर होने वाला खर्च माता-पिता के लिए वैकल्पिक होना चाहिए. माता-पिता को इन गतिविधियों को स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन इस तरह की गतिविधियों को छुट्टियों पर या अवकाश अवधि के दौरान किया जाना चाहिए. फीस का निर्धारण करते समय, स्कूल जिस बोर्ड से जुड़ा हुआ है, और पाठ्यक्रम के लिए उनके द्वारा किए गए खर्च को केवल फीस के निर्धारण के लिए ध्यान में रखा जाना चाहिए. आईपा महाराष्ट्र की तरफ से की गई सभी मांगे यदि पूरी होती है तो शिक्षा विभाग में पारदर्शिता तो आएगी ही साथ ही भ्रष्टाचार भी कम होगा ऐसा मानना आईपा की टीम का हैं.
– मुख्यमंत्री को भी सौंपा पत्र
इसके साथ ही आईपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट अशोक अग्रवाल के मार्गदर्शन में आईपा टीम ने मंत्रायल जाकर महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के कार्यालय में भी एक पत्र सौंपा. आईपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने पत्र में फीस मामले में ऑर्डिनेंस निकालने की बात कही गई है. इस में राज्य स्तर पर ऑर्डिनेंस लाने को कहा गया है जिसके हिसाब से जब तक कोविद १९ की स्थिति है तब तक चालू सत्र में अभिभावकों से ट्यूशन फीस ही वसूली जाए. साथ ही ट्यूशन फीस को डिफाइन भी किया जाए, उसका ब्रेकअप भी दिलवाया जाए और वसूली गई ट्यूशन फीस का इस्तेमाल स्कूल के अध्यापक व स्टाफ को तनख्वाह देने में किया जाए. इस शिष्टमंडल में महाराष्ट्र आईपा के अध्यक्ष धर्मेश मिश्रा, उपाध्यक्ष सौम्या अनुसरकर, अभिभावक सुहास जाम्ब्रे, राजेश बहाल, एडवोकेट मिलिंद ज्ञानी में शामिल थे. वहीं राज्य शिक्षा मंत्री गायकवाड़ ने भी आईपा को आश्वासन दिया है कि फीस के मुद्दे पर सरकार अभिभावकों के साथ है और जरूरत पड़ने पर सरकार, अभिभावकों के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती है.