धारा 370: छा गए लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग, देखे वीडियो
नई दिल्ली (तेज़ समाचार डेस्क ):लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग ने अनुच्छेद 370 को लेकर लोकसभा में जोरदार भाषण दिया। उनके भाषण पर सत्ता पक्ष ने खूब मेजें थपथपाईं। भाषण के दौरान सदन में कई बार ठहाके लगे। गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सेरिंग के संबोधन का मेज थपथपाकर स्वागत किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी उनकी तारीफ की।जामयांग सेरिंग ने अपने भाषण में कहा कि हम किसी भी हालत में कश्मीर के साथ नहीं रहना चाहते थे लेकिन पिछली सरकारों ने हमारे पक्ष को जानने की कोशिश ही नहीं की। हमारी पहचान और भाषा, अनुच्छेद 370 और कांग्रेस की वजह से लुप्त हुई है।
ओम बिड़ला ने भी की तारीफ
-लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने नामग्याल के भाषण शैली की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘लद्दाख के युवा सांसद बड़ी दूर से आते हैं। सदन में जब भी बोलते हैं, अच्छा बोलते हैं, सारगर्भित बोलते हैं। सभी को इसकी सराहना करनी चाहिए।’सत्तापक्ष के साथ ही विपक्ष के कई सदस्यों ने मेज थपथपाकर उनकी बात का स्वागत किया।
अमित शाह ने मेज थपथपाई, स्मृति ने शाबासी दी
नामग्याल के भाषण के दौरान गृहमंत्री अमित शाह कई बार मुस्कराते और मेज थपथपाते नजर आए। स्मृति ईरानी सहित सत्ता पक्ष के अन्य सदस्यों ने भी मेज थपथपाकर नामग्याल की प्रशंसा की। भाषण खत्म होने के बाद पास बैठे सदस्यों ने उन्हें घेर लिया और शाबासी दी। स्मृति खुद अपनी सीट से उठकर नामग्याल के पास पहुंचीं और उनकी पीठ थपथपाई। उन्होंने बाद में नामग्याल का भाषण ट्वीट भी किया और लिखा, ‘संसद में उनके साथ काम करके गर्व महसूस हो रहा है। यह भाषण हर भारतीय को सुनना चाहिए।’
प्रधानमंत्री बोले, जरूर सुनें भाषण
-लोकसभा में लद्दाख और अनुच्छेद 370 पर दिए अपने भाषण से नामग्याल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी दिल जीत लिया। मोदी ने ट्विटर पर नामग्याल के भाषण की तारीफ करते हुए लिखा, ‘मेरे युवा दोस्त, लद्दाख से सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने जम्मू-कश्मीर पर महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा के दौरान शानदार भाषण दिया। लद्दाख के हमारे भाइयों और बहनों की आंकाक्षा को सुसंगत रूप से प्रस्तुत किया। इसे अवश्य सुना जाना चाहिए।’
सिर्फ केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा चाहिए था
-नामग्याल ने कहा, ‘तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह जब लेह पधारे थे, तब क्षेत्र के हर राजनीतिक दल और धार्मिक संगठन के प्रतिनिधियों ने उनसे एक आवाज में कहा था कि हमें सिर्फ केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा चाहिए।’इस पर विपक्षी सदस्यों ने उन्हें टोकने की कोशिश की तो नामग्याल बोले, ‘सुनने की क्षमता रखिए, अभी तो सिर्फ ट्रेलर है।’पूरा सदन उनकी टिप्पणी पर ठहाकों से गूंज उठा।
लद्दाख से भेदभाव का आरोप लगाया
-नामग्याल ने कहा, कुछ लोग बोल रहे कि अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी होने से जम्मू-कश्मीर में समानता की भावना खत्म हो जाएगी। लेकिन फंड से लेकर नौकरियों तक में लद्दाख से भेदभाव किया जाता है। उन्होंने कहा कि 2011 में कांग्रेस नीत सरकार ने जम्मू और कश्मीर को दो केंद्रीय विश्वविद्यालय दिए, लेकिन लद्दाख की उच्च शिक्षा संस्थान की मांग पूरी नहीं की। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्षेत्र को एक केंद्रीय विश्वविद्यालय मिला।
बस दो परिवारों की रोजी-रोटी जाएगी
-नामग्याल ने किसी का नाम लिए बिना जम्मू-कश्मीर में वंशवाद की राजनीति पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘कश्मीर से मेरे साथी सांसद पूछ रहे थे अनुच्छेद 370 हटने से क्या खोएंगे? मैं एक चीज जरूर कहना चाहूंगा। एक चीज जरूर खोएंगे। दो परिवारों की रोजी-रोटी खोएंगे, पर कश्मीर का भविष्य उज्ज्वल होने वाला है। ये दो परिवार कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं चाहते। वे खुद समस्या का हिस्सा बन गए हैं। वे कश्मीर को अपनी जागीर समझते हैं।’
अनुच्छेद-370 का दुरुपयोग किया गया
-लद्दाख से भाजपा सांसद ने कहा, जो लोग धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं, उन्होंने अनुच्छेद 370 का दुरुपयोग करते हुए कश्मीरी पंडितों को घाटी से बाहर निकाला। बौद्धों को निष्प्रभावी करने की कोशिश की गई। लद्दाख की भाषा, संस्कृति अगर लुप्त होती चली गई तो इसके लिए अनुच्छेद 370 और कांग्रेस जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, विपक्ष के लोग बार-बार करगिल की बात करते हैं, लेकिन उन्हें जमीनी हकीकत नहीं पता। करगिल की 70 प्रतिशत जनता लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन कर रही है।
‘भारत माता की जय’के नारे लगे
-भाषण के दौरान नामग्याल ने कहा, ‘कुछ लोग रो रहे कि हमारा झंडा जा रहा। आपका झंडा तो लद्दाख वालों ने 2011 में ही नकार दिया था। लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद ने प्रस्ताव पारित कर अपनी गाड़ियों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने का प्रावधान किया क्योंकि हम भारत का अटूट हिस्सा बनना चाहते थे।’नामग्याल ने आगे कहा, ‘आन देश की, शान देश की, देश की हम संतान हैं, तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी यह पहचान है।’उनकी इन पंक्तियों पर सदन में ‘भारत माता की जय’के नारे लगने लगे।