प्रशासन के राजनीतिकरण से सर्विस मैनुअल फेल ?
जामनेर (नरेंद्र इंगले ): सरकार के प्रत्येक विभाग मे भ्रष्टाचार रहीत पारदर्शी कामकाज के लिए अधिकारी और कर्मचारियो को लेकर सर्विस मैनुअल बनाया गया है जिसमे तबादला अहम हिस्सा है ! इसी नियमावली के अनुसार संबंधित अधिकारी तथा कर्मचारियो के तय सीमा तहत तबादले करवाए जाने बाबत का मैन्युअल जामनेर तहसिल के लिए लागू है या नही यह सवाल मनीषीयो के बीच इस लिए चिंता का विषय बना हुआ है क्यो की तहसिल मे तबादले फिक्स कराने की मनचाही व्यवस्था मैनुअल की खानापूर्ति कर कही ओर से संचालित की जाती रही है ! श्रेणी 2 के अधिकारियो के तबादले समय समय पर उलट पलट कर महज फाइलो के आदान प्रदान के लिए करवाए जाते आ रहे है ! वही मजे की बात यह है कि श्रेणी 3 और 4 के कर्मचारी जो कि शहर या तहसिल के पुश्तैनी निवासी है उनके तबादले 1995 से लेकर अब तक क्षेत्र के दायरे मे हि हो सके है ! जिला परिषद , पंचायत समिति , नगर परिषद जैसे संस्थानो के कामकाज को हाँकने वाले कर्मचारी बीते तीन दशको से आखिर किस के आशीर्वाद से एक ही जगह पर टिके हुए है ? इस सवाल का जवाब जानते सब है लेकिन आपत्ती कोई दर्ज नही करवा सका है ! जिस नेता के आशीष से तमाम कर्मी जो कि गृह तहसिल मे सेवारत है वह सभी लोग आम चुनावो मे खुलेआम पार्टी विशेष का झंडा पकड़कर प्रचार करते नजर आते है बावजूद इसके उनपर अनुशासन भंग संबंधी कार्रवाई इसलिए नही होती क्यो की उनके खिलाफ कोई शिकायत नही होती है ! सरकारी नौकरी मे तैनात इन लोकसेवको से उनके लंबी दूरी के तबादलो के बदले राजनीतिक लाभ वाला समानांतर शासन चलाया जा रहा है ! मतलब आम आदमी का मुह और दल देखकर हि सरकारी योजनाओ का बही खाता सही किया जाता है और वोटो की खेती को सींचा जाता है ! मैन्युअल अगेन्स्ट पॉलिटिक्स पर प्रिंट मीडिया मे कुछ खबरे छपी जरूर लेकिन बस पेज भरने के लिए ! इस गंभीर मसले पर प्रशासन के आला अधिकारीयो को ध्यान देने की आवश्यकता इसलिए है ताकि प्रशासन मे पारदर्शिता और सुचारू निष्पक्ष संचालन का मार्ग प्रशस्त किया जा सके और किसी भी प्रकार के पोलिटिकल अजेंडे वाली ऐसी विशेष समानांतर व्यवस्था की जड़े मजबूत नही हो सके जो लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के लिए घातक साबित हो सकती है !