पुणे (तेज समाचार डेस्क). सड़कों पर लाठी भांजकर साहसिक कर्तब दिखाकर अपने परिवार और अनाथ बच्चों का पेट पालनेवाली पुणे की बुजुर्ग महिला का जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. उसके वीडियो को देखकर लोग आगे बढ़कर उसकी मदद कर रहे हैं. इस वायरल वीडियो को देख राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख भी अपने आपको रोक न सके. शनिवार को वे उस बुजुर्ग महिला के घर गए और पुणेरी साडी से उसका सम्मान किया साथ ही एक लाख रुपये का चेक देकर उनकी आर्थिक मदद की.
– अनाथ बच्चों का करती है पालन पोषण
लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र के पुणे की एक 85 वर्षीय महिला द्वारा लाठी से लड़ने का कौशल दिखाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद चारों तरफ से उनकी प्रशंसा हो रही है और लोग उनकी मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं. शांताबाई पवार नामक बुजुर्ग महिला अपने परिवार की आजीविका के लिए लॉकडाउन के दौरान शहर की सड़कों पर अपनी छड़ी से लड़ने का कौशल दिखा रही है. उनके परिवार में वे अनाथ बच्चे भी शामिल हैं जिनका वह पालन-पोषण करती हैं.
– रितेश देशमुख ने दिया था ‘योद्धा आजी’ नाम
सड़कों पर साहसिक करतब दिखाते हुए उनके वायरल वीडियो को न केवल चारों तरफ से प्रशंसा मिली, बल्कि कई लोग राशन और वित्तीय सहायता देने के लिए आगे आए.उनमें से फिल्म अभिनेता रितेश देशमुख ने उन्हें माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर ‘योद्धा आजी’ (योद्धा दादी) के रूप में वर्णित किया और उनसे संपर्क किया.शांताबाई पवार ने कहा कि उन्होंने आठ साल की उम्र से लाठी चलाने का कौशल सीखना शुरू कर दिया था और इसे प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न स्थानों की यात्रा की, लेकिन लॉकडाउन के चलते सब कुछ रुक गया.उन्होंने कहा, दुकान वालों ने मुझे किराना सामान देना बंद कर दिया.चूंकि एक बड़े परिवार में सबका पेट भरना असंभव था, जिसमें कई छोटे बच्चे हैं, इसलिए मैंने सड़कों पर अपने कौशल को प्रदर्शित करने का फैसला किया, ताकि देखने वाले लोग उन्हें पैसे दे सकें।परिवार के एक सदस्य ने कहा कि वीडियो से उन्हें काफी मदद मिली और लोगों ने उन्हें पैसे दिए.