पूर्णिया ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – बिहार में शराबबंदी के बाद यहां के छात्र भी अब सरकार की मदद के लिए आगे आए हैं. इसी क्रम में पूर्णिया के भावनीपुर प्रखंड की रहने वाली ऐश्वर्य प्रिया, औरगाबाद एवं रोहतास के रहने वाले दो बेटों, विवेक सिंह और अभिषेक चौधरी ने मिलकर ने वाहनों में लगने वाले एक ऐसे यंत्र का निर्माण किया है, जो न केवल ‘अल्कोहल’ (शराब) की पहचान करता है, बल्कि अगर आप शराब पीकर गाड़ी चलाएंगे तो गाड़ी खुद-ब-खुद बंद भी हो जाएगी.
ऐश्वर्य को इस सफलता के लिए पुणे में आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर इनोवेटिव मॉडल और प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिला है. इस प्रतियोगिता में देशभर के 125 प्रविष्टियां प्राप्त हुई और 84 का चयन प्रतियोगिता के लिए किया गया.
इस तकनीक में शराब पकड़ने वाला एक सेंसर गाड़ी के डैश बोर्ड पर लगाया जाता है इस यंत्र का एक तार गाड़ी की बैटरी तो दूसरा तार गाड़ी के इंजन से लगा रहता है. इसमें जैसे ही शराब के नशे में कोई चालक या वाहन में कोई व्यक्ति शराब पीकर बैठेता है तो शराब पकड़ने वाला सेंसर शराब, शराबी की सांस से अल्कोहल को पकड़ लेगी और सेंसर फिर मशीन को बंद कर देगा.
इसके बाद जीएसएम एवं जीपीएस के माध्यम से स्थानीय थाने की पुलिस को गाड़ी नंबर एवं स्थान मैसेज के द्वारा मशीन भेज देगी की शराब पीने के कारण वाहन किस स्थान पर बंद पड़ा है. इसमें सबसे बड़ी खासियत यह है कि जब तक शराब का सेवन करने वाला व्यक्ति वाहन से उतरेगा नहीं वाहन स्टार्ट होगा नहीं.
शराबी को पकड़ने वाला यह यंत्र एक हजार रुपये की लागत में बनाया जा सकता है. ऐश्वर्य ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का नाम ‘अल्कोहल डिटेक्टर एवं अटोमेटिक इंजन लकिंग सिस्टम’ रखा गया है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लक्ष्मी नारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से बीटेक कर रही ऐश्वर्य प्रिया ने बताया कि कई महीनों की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें यह सफलता मिली है. उन्होंने बताया, “अगर सरकार वाहनों में इस यंत्र का इस्तेमाल करें तो शराब पीकर कोई गाड़ी नहीं चला पाएगा. शराब पीकर आए दिन होने वाली दुर्घटना को भी इस यंत्र के वाहनों में प्रयोग से रोका जा सकेगा.”
उन्होंने बताया कि अगर सरकार इस प्रोजेक्ट पर काम करे तो महज 800 से 900 रुपये में मशीन बनाकर वाहनों में लगा सकती है.