शिरपुर (तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अच्छी और सुरक्षित इमारत मे मिलनेका प्रावधान है। किंतू तहसिल के जामण्यापाडा की आश्रमशाला की खूद की इमारत ना होने से पत्रे के शेड मे भरती है जो, कल हुई तेज आंधी तुफान से पत्रा उडकर ढह गई। अच्छी बात यह है की, बच्चे मौजूद नही थे।
शिरपुर तहसिल के जामण्यापाडा गाव मे आदिवासी विकास विभाग की आश्रमशाला है। जो आश्रमशाला संहीता के विपरीत चलती है। बच्चों के लिए ना सुरक्षित इमारत है ना ही, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम। पानी की कमी, पर्याप्त मात्रा मे लडकियों के बाथरूम शौचालय आदि असुविधाएं उपलब्ध नही है
। सातवी तक की इस आश्रम शाला मे दूर – दराज के आदिवासियों के 162 लडके और 126 लडकियां ऐसे कूल मिलाकर 288 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है। किंतू इमारत नही होने से बच्चों को कभी – कभी पेड का सहारा तो कभी दुसरों के घर का सहारा लेना पडता है। वही पर विद्यार्थियों की लगती है क्लासेस से शिक्षा पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. कल आए तेज तुफान मे स्कूल के पत्रे उड गये। जो स्कूल प्रबंधन के सामने चिंता का विषय बन गया है।