भोपाल ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी लघु फिल्म ‘चलो जीते हैं’ देखी. इस लघु फिल्म में मोदी की सफलता को दिखाया गया है.
मुख्यमंत्री चौहान ने लघु फिल्म देखने के बाद कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन साधारण से असाधारण बना. फिल्म में उनके जीवन के प्रसंगों को प्रभावी तरीके से दिखाया गया है. ‘उज्जवला’ जैसी योजना संभवत: प्रधानमंत्री के बाल्यकाल के अहसासों पर आधारित है. फिल्म सीखने और समझने की शिक्षा देती है.’’
इस फिल्म में एक जगह मुख्य पात्र नारू कहता है, ‘मां तुम सबके लिए जीती हो, मगर मैं किसके लिए जी रहा हूं. फिर वो सबसे यही सबाल पूछते हैं कि आप किसके लिए जीते हो. फिर उनके अध्यापक भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव का नाम लेकर कहते हैं कि ये लोग देश के लिए जीए. और फिर नारू ने अपने देशवासियों के लिए जीने का फैसला कर लिया. प्रधानमंत्री मोदी का बचपन कुछ ऐसा है, जो हर किसी को भावनात्मक रूप से उनसे जोड़ता है. प्रधानमंत्री खुद कई बार अपने भाषण में अपने बचपन की परिस्थितियों का जिक्र कर चुके हैं.
इस अवसर पर सहकारिता राज्यमंत्री विश्वास सारंग, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद राकेश सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और अधिकारी उपस्थित हुए.
वहीँ दूसरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन पर आधारित फिल्म चलो जीते हैं को पीएम के संसदीय क्षेत्र के स्कूलों में दिखाने की शुरुआत की जा चुकी है. इस फिल्म के जरिए बच्चों को राष्ट्रबोध का ज्ञान कराया जा रहा है. शनिवार को उत्तरप्रदेश के राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने बनारस के छह स्कूलों में बच्चों के साथ फिल्म देखी.
इस दौरान मंत्री ने पीएम का फोटो दिखाकर बच्चों से पूछा कि ये कौन हैं. इस पर कुछ बच्चों ने जवाब दिया की पीएम नरेंद्र मोदी हैं. कुछ बच्चे जवाब नहीं दे पाए तो मंत्री ने बताया कि ये आपके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. इस दौरान एक बच्चे ने कहा “इ मोदी बाबा हउअन”.
डा. नीलकंठ तिवारी ने कहा कि पीएम के बचपन आधारित फिल्म प्रेरक प्रसंग के रूप में दिखाई जा रही है. इस फिल्म से दूसरों के लिए जीने की कला सिखाती है. जिन तकलीफों को पीएम ने बचपन में झेला और महसूस किया उन्हें योजनाओं के रूप में साकार किया. चाहे बिजली, उज्जवला, आयुष्मान भारत या फिर स्वच्छ भारत मिशन हो. “