मुंबई (तेज समाचार डेस्क). केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद से ही शिवसेना सत्ता में रहते हुए विरोधी की प्रखर भूमिका निभाती आ रही है, बावजूद इसके पुरानी दोस्ती निभाते हुए भाजपा हर समय उसे अपने साथ लेकर चलती रही है. आज भी चल रही है, लेकिन शिवसेना अपनी अख्खड़ नीतियों से बाज नहीं आ रही है. पिछले चुनाव में भी और इस चुनाव के बाद भी शिवसेना ब्लेकमेलर की भूमिका में है. इस बार भाजपा थोड़ा बैकफुट पर होने के कारण शिवसेना ने अपनी ब्लैकमेलिंग वाली भूमिका को प्रखर करते हुए ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री की मांग रख दी है. शिवसेना का कहना है कि चुनाव के पहले 50-50 वाला एजेंडा तय किया गया था. लेकिन अब मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिवसेना और भाजपा के बीच इस ढाई-ढाई साल का मुख्यमंत्री वाला कोई एजेंडा नहीं था.
भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना सरकार में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद की भागीदारी चाहती है परंतु मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि इस तरह का कोई फार्मूला शिवसेना के साथ तय नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री ने साफ किया कि राज्य में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनेगी और पांच साल का कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा करेगी.
मुख्यमंत्री फडणवीस मंगलवार को अपने सरकारी आवास वर्षा में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि राज्य की जनता ने महायुति को स्पष्ट बहुमत दिया है. वर्ष 1990 से लेकर अब तक भाजपा को सबसे ज्यादा स्ट्राइक रेट मिला है. वर्ष 2014 के मुकाबले यह चुनाव हमने शिवसेना गठबंधन में कम सीटों पर चुनाव लड़ा. लिहाजा स्वाभाविक है कि हमारी सीटें कम आईं. वोट प्रतिशत और स्ट्राइक रेट हमारा अधिक है. फडणवीस ने बताया कि 10 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को समर्थन दिया है, कुल 15 विधायक भाजपा के साथ आएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवसेना के साथ होनेवाली बैठक में सब मसलों पर बातचीत होगी और दोनों पार्टियां मिलकर सरकार बनाएंगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर हुई चर्चा में शिवसेना को ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद देने पर कोई वचन नहीं दिया गया है. इस संबंध में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से भी पूछा गया था. शाह ने भी इस तरह का कोई वादा करने से इनकार किया है. शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे को उपमुख्यमंत्री बनाना है, यह निर्णय शिवसेना को लेना है. मंत्री पद के बंटवारे का निर्णय शिवसेना के साथ होने वाली बैठक में तय किया जाएगा. दोनों पार्टियों में गठबंधन का क्या फॉर्मूला निश्चित हुआ है, जल्द सभी को पता चल जाएगा.
उल्लेखनीय है कि बुधवार को भाजपा विधायक दल का नेता चयनित करने के लिए नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक होने जा रही है.फडणवीस पूरी तरह से आश्वस्त दिखे कि वे ही विधायक दल नेता चुने जाएंगे. अमित शाह पहले ही घोषित कर चुके हैं कि फडणवीस ही फिर राज्य के मुख्यमंत्री होंगे. फडणवीस ने बताया कि अमित शाह बुधवार को मुंबई दौरे पर नहीं आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में भाजपा के खिलाफ छपने वाले लेखों से पीड़ा होती है. शिवसेना नेता संजय राऊत के बयानों को हम अहमियत नहीं देते. सरकार बनाने के लिए कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना समीकरण पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी शिवसेना के साथ जाने से इनकार कर चुकी है. याद दिला दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं के साथ हुई बैठक का हवाला देते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा था कि दोनों दलों के पास ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री का कार्यकाल होगा, साथ ही महत्वपूर्ण मंत्रालय भी हमें मिलने चाहिए. शिवसेना ने सीएम पद को लेकर लिखित आश्वासन भाजपा से मांगा है.