पुणे (तेज समाचार डेस्क). कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में पुणे के एक गांव के लोगों ने अनूठी पहल की है. कोरोना से बचने के लिए लोग छाते का इस्तेमाल कर रहे हैं. बारिश और धूप के साथ ही ये छाता लोगों को कोरोनो से होने वाले संक्रमण से बचा भी रहा है. कारण ये है कि छाता अब सोशल डिस्टेंसिंग के काम आने लगा है. संभवत: यही कारण है कि 50 हजार की आबादी वाले इस गांव में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है.
– गांव की जनसंख्या 50 हजार
पुणे-नाशिक राजमार्ग पर 50,000 जनसंख्या वाली मंचर ग्राम पंचायत है. संभवत: यहां छाते को एक दूसरे से दूरी बनाने के औजार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. गांव के सरपंच दत्ता गंजाले ने कहा, लॉकडाउन के नियमों में छूट दी गई है. वहीं मुंबई से बड़ी संख्या में लोगों यात्रा कर रहे हैं. ऐसे में संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है. इसलिए यह सुनिश्चित करना अहम हो गया कि गांव इस महामारी से मुक्त रहे.
– केरल मॉडल पर किया अमल
वास्तव में इस गांव के लोग केरल में अलप्पुझा के थन्नीरमुक्कोम में अपनाए गए उपाय के नक्शेकदम पर हैं. सरपंच कहते हैं कि, एक-दूसरे से दूरी बनाने में छाते के इस्तेमाल का केरल मॉडल कारगर था, इसलिए हमने भी यहां इसे अपनाया है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल, हैशटैग, छाते वाली सेल्फी से लोगों को प्रोत्साहन मिला और इस विचार को सफल बनाने में यह उपाय कारगर रहा है.