इलाहाबाद (तेज समाचार डेस्क). जब से दुर्दांत गैंगेस्टर विकास दुबे को यूपी पुलिस ने एनकाउंटर कर मार गिराया है, तब से उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है. लगभग पूरा विपक्ष इस एनकाउंटर को फर्जी बता कर भाजपा को घेरने की कोशिश में लगा है. विपक्ष का दावा है कि विकास दुबे को इसलिए मारडाला गया, क्योंकि यदि वह जिन्दा रहता, तो सत्ता में बैठी भाजपा के अनेक नेताओं की वह पोल खोल सकता था, जबकि सर्व विदित है कि विकास दुबे समाजवादी पार्टी के राज में ही फलाफूला और यूपी का बाहूबलि बना. विकास दुबे से मारे जाने से समाजवादी पार्टी में कुछ ज्यादा ही खलबली मची हुई है. खबर है कि सपा नेता अभिषेक सोम ने गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. सपा नेता का कहना है कि कुख्यात बदमाश विकास दुबे शातिर अपराधी था. वह कई सफेदपोश और अधिकारियों की पोल खोलना चाहता था, लेकिन पुलिस ने राज खुलने के डर से उसका एनकाउंटर कर दिया.
शास्त्रीनगर के रहने वाले सपा नेता अभिषेक सोम ने कहा कि, कानपुर शूटआउट में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर से 17 किमी पहले भौंती में यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया. बीते गुरुवार को मध्यप्रदेश में महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तारी के बाद उज्जैन पुलिस ने उसे एसटीएफ के हवाले किया था. विकास दुबे ने उज्जैन में इसलिए सरेंडर किया, ताकि वह कुछ सफेदपोश और अधिकारियों के राज खोल सके. इसी डर से यूपी पुलिस ने उसे उज्जैन से कानपुर लाते समय फजीं एनकाउंटर में मार दिया.
– न्यायीक जांच की मांग
सपा नेता अभिषेक का कहना है कि इस पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। न्यायिक जांच से ही पता चलेगा कि उसके मददगार कौन थे, कौन लोग थे जो उसकी मदद कर रहे थे. सपा नेता का कहना है कि उसकी मदद करने वाले सत्ता में बैठे लोग भी हो सकते हैं. किसके इशारे पर उसने आत्मसमर्पण किया यह भी पता चलना चाहिए, उसके परिवार को न्याय मिलना चाहिए. यदि पूरे मामले की सही और निष्पक्ष जांच हुई तो सब सच सामने आ जाएगा.