पुणे (तेज समाचार डेस्क). जगह-जगह लॉकडाउन के कारण फंसे मजदूरों को उनके गांवों तक ले जाने के लिए सरकार की ओर से विशेष ट्रेनों का प्रबंध किया गया है. इसी के तहत एक विशेष श्रमिक रेलवे रविवार 10 मई को दौंड रेलवे स्टेशन से मध्य प्रदेश के ग्वालियर रवाना हुई. इस ट्रेन से 1172 मजदूर अपने गांव के लिए निकले है.
बता दें कि, कोरोना वाइरस का संक्रमण रोकने के लिए पिछले करीब डेढ़ महिने से लॉकडाउन की घोषणा की गई. तभी से जिले के विभिन्न इलाकों में दूसरे राज्यों के मजदूर काफी ज्यादा संख्या में फंसे हुए है. पिछले डेढ़ माह से यह मजूदर अपने गांव जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे. ऐसे में कुछ दिन पहले सरकार की ओर से मजदूरों को ले जाने के लिए विशेष ट्रेन का प्रबंध करने की घोषणा की. तभी से इन सभी मजदूरों ने राहत महसूस की.
– दौंड से रवाना हुई 24 डिब्बों वाली ट्रेन
रविवार को दौड रेलवे स्टेशन से 24 डिब्बो वाली विशेष श्रमिक रेलवे छोड़ी गई. इसके हर एक डिब्बे में जहां 72 लोगों को बिठाने का प्रबंध होता है, ऐसे में इस रेल के डिब्बे में केवल 54 लोगों को बिठाया गया. यह सभी मजदूर मध्य प्रदेश के निवासी है. इन सभी के टिकटों का खर्च मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उठाया गया, जिससे इन मजदूरों को पैसे लिए बगैर ही टिकट दिए गए.
– यात्रा से पहले हुई स्वास्थ्य जांच
सफर करने से पहले सभी मजदूरों के स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों की जांच की गई. इसके बाद फिर एक बार इनकी स्क्रिनिंग हुई और उन्हें ट्रेन में छोड़ा गया. इन सभी को दौंड तहसील प्रशासन की ओर से फूड पैकेट और पानी की बोतलें दी गई. यह रेल गाडी दौंड से ग्वालियर तक का सफर करते हुए मजदूरों को उनके गांव तक पहुंचाएगी.
– भारत माता की जय के साथ रवाना हुए मजदूर
दौंड-पुरंदर के उपविभागीय प्रमोद गायकवाड, तहसीलदार संजय पाटिल ने रेल को हरी झंडी दिखाई. इस समय दौंड रेलवे स्टेशन के प्रबंधक सैम्युल क्लिफ्टन, मुख्याधिकारी मंगेश शिंदे, पुलिस निरीक्षक सुनील महाडिक, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी अशोक रासगे समेत तहसील प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे. ट्रेन जैसे ही निकली तो इसमें बैठे मजदूरों ने भारत माता की जय, वंदे मातरम् का जयघोष किया.