पिंपरी (तेज समाचार डेस्क). निगड़ी में रहने वाले एक युवक ने अमेजान से 36 हजार 495 रुपए का कैनॉन कंपनी का एक डीएसएलआर कैमरा ऑर्डर किया था. ऑर्डर करते वक्त उसने पैसे ऑनलाइन जमा करा दिए थे. ऑर्डर देने के 4 दिन बाद कंपनी की तरफ से उसे एक पार्सल मिला. इस पार्सल के डिब्बे में कैमरा नहीं बल्कि ईंट और कई सारे पत्थर मिले. यह घटना 6 जून को निगड़ी प्राधिकरण में घटी. इस संबंध में अमेजान कंपनी ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं और कंपनी ने युवक के मेल का जबाव देते हुए कहा है कि हमारी तरफ से कोई गलती नहीं हुई है. युवक को कैमरे की जगह 36 हजार 495 रुपए में एक ईंट और कई सारे पत्थर मिले हैं.
पीड़ित सौरभ नाईक प्राधिकरण के सेक्टर नंबर 25 में रहता है. उसे इस सप्ताह दूसरे शहर जाना था. इसके लिए उसने कैमरा खरीदने का निर्णय लिया. उसने अमेजान शॉपिंग साइट से कैनॉन इओएस 1500 डी (डीएसएलआर) कैमरा बुक किया. इस कैमरे की कीमत 36 हजार 495 रुपए है. सौरभ ने कैमरे की सारी रकम सामान की डिलीवरी से पहले ऑनलाइन जमा करा दी. 2 जून को उसने ऑर्डर दिया था. 6 जून को अभिषेक काटे नाम का डिलीवरी बॉय सौरभ द्वारा मंगाए गए पार्सल को लेकर आया. पार्सल देकर वह चला गया. सौरभ ने पार्सल को घर के अंदर लाकर उसे खोला तो यह देखकर दंग रह गया कि पार्सल में कैमरे की जगह कुछ कागज, ईंट और पत्थर पड़े हुए हैं. वह तत्काल निगड़ी पुलिस स्टेशन पहुंचा. निगड़ी पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर (क्राइम) राजेंद्र निकालजे से मुलाकात की. उसने इस मामले में शिकायत दर्ज करा दी है. युवक ने इसे लेकर अमेजान कंपनी को एक मेल किया जिसमें सारी आपबीती लिख दी और पैसा या कैमरे देने की मांग की. इसका जबाव देते हुए अमेजान ने लिखा कि ऑर्डर करते वक्त आपके द्वारा दिए गए पते पर हमने प्रोडक्ट भेज दिया है. इसमें अमेजान कंपनी की कोई गलती नहीं है. आपको किसी भी तरह से रिफंड या कैमरा नहीं मिलेगा.
इस मामले में तमाम हाथ-पैर मारने के बाद सौरभ नाईक ने उसी कंपनी का दूसरा कैमरा खरीद लिया है. लेकिन इस बार उसने प्रत्यक्ष रूप से दुकान पर जाकर कैमरा खरीदा. उसने कहा है कि अमेजान कंपनी द्वारा ठगी की गई. मुझे कैमरे की जरूरत थी इसलिए ऑनलाइन साइट के जरिये मंगाया. लेकिन कैमरे की जगह परेशानी मिली है. न्याय पाने के लिए सही प्रयास करता रहूंगा.