जलगांव (नरेंद्र इंगले) :भारत कि सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी जे एन यू मे चल रहे गतिरोध के बीच देश के ग्रामीण इलाकों से भी आवाजे उठना आरंभ हो चुकी है जो सशक्त लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत है ! भारिप बहुजन महासंघ की जामनेर छात्र इकाई सम्यक विद्यार्थी आंदोलन ने तहसीलदार को निवेदन सौंपा है जिसमे केंद्र सरकार के उच्च शिक्षा आयोग विधेयक 2018-19 को तीव्र विरोध दर्शाया गया है ! निवेदन मे मोदी सरकार पर शिक्षा का बाजारीकरण करने का आरोप लगाते हुए कथित विधेयक को संविधान विरोधी बताया गया है जो तथ्यों के आधार पर बिलकुल सही भी है ! संघटन ने कहा है अगर मोदी सरकार इस विधेयक को शीतकालीन सत्र मे पास करवाती है तो इसके खिलाफ पुरे भारत मे आंदोलन किया जाएगा ! राज्यपाल के नाम से लिखे निवेदन मे कथित विधेयक पर कानूनी परामर्श कर उसे निरस्त करने की मांग की गई है ! जे एन यू के छात्र आंदोलन को समर्थन और छात्रों पर की गई पुलिस कार्रवाई का धिक्कार भी किया गया है ! अन्य मांगों मे कहा गया है कि मद्रास आई आई टी छात्रा फातिमा फ़ातिहाली की संदिग्ध मौत की निष्पक्ष जांच की जाए , एस सी एस टी छात्रों की छात्रवृत्ति बहाल हो , महाराष्ट्र मे अकाल सहायता को लेकर शाश्वत कदम उठाए जाएं , सी बी एस ई की फीस कम की जाए समेत कुल 25 मांगे निवेदन मे की गयी है ! मौके पर सचिन सुरवाडे , किशोर तायड़े , महेंद्र भीमड़े समेत छात्र तथा वरिष्ठ मार्गदर्शक उपस्थित रहे !
कांग्रेस ने की मांग – जामनेर तहसील कांग्रेस की ओर से ब्लॉक अध्यक्ष शरद पाटिल की अगुवाई में किसानों की समस्याओं को लेकर प्रशासन को राज्यपाल के नाम से निवेदन दिया गया जिसमें किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपयों की मदत , बिजली बिलों की माफी , छात्र शिक्षा शुल्क माफी जैसी मांगे की गई है इस वक्त गणेश झालटे , मुलचंद नाईक , संदीप पाटिल , तथा अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे !