अधर मे लटकी सिंचाई विभाग मे सुप्रमा की जांच ?
जामनेर (नरेंद्र इंगले ): पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल मे जितने भी सिंचाई योजनाओ को सुधारीत प्रशासनिक मान्यता प्रदान की गई है उन सब की सघन जांच की जाएगी ! ठाकरे सरकार मे जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील का मीडिया के समक्ष इस बाबत घोषणा की थी ! आज करीब 10 महीने बीत गए है लेकिन अब तक जांच के बारे मे कोई प्रशासनिक कार्रवाई कहि दिखायी नही पड़ रही है ! देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल मे चलाई गई जलयुक्त शिवार योजना की असफलता पर CAG ने तल्ख टिप्पणी की और महाराष्ट्र मे सत्तापक्ष ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया ! सिंचाई विभाग के कई परियोजनाओ की सुधारीत प्रशासनिक मान्यता को लेकर इन 10 महीनो मे जो कोई जांच हुई है उसके पहलू सामने लाने मे आखिर क्या हर्ज है ? ऐसा सवाल जनता मे उठाया जा रहा है !
वाघुर विभाग मे टेंडर घपला ? जलगांव वाघुर परियोजना इकाई मे टेंडर घपले को लेकर सूत्रो के हवाले से जानकारी सामने आ रही है ! 0 से 2 लाख 99 हजार 999 रु तक के फंड्स से जो काम करने है उसके लिए किसी भी प्रकार के टेंडर मंगवाने की जहमत अधिकारियो ने नही उठायी है ! बात तो यहा तक कि जा रही कि अधिकारियो ने 3 लाख रुपयो तक के काम अपने ही रिश्तेदारो को देकर फंड खर्च कर दिया है ! इस मामले मे जांच की मांग की जा रही है !
बिजली बिलो की समस्या बरकरार – मार्च 2020 से लेकर अब तक बिजली के मनमाने बिलो पर कोई ठोस समाधान निकलने मे राज्य सरकार ने दिलचस्पी नही दिखायी है ! मानसून सत्र से लोगो को यह उम्मीद थी कि छूट के साथ कुछ निर्णय होगा लेकिन वैसा कुछ भी नही हो सका ! आज भी बोर्ड की ओर से प्रति यूनिट 22 फीसदी दरो के बढ़ोतरी के साथ ग्राहको को बिजली के बिल थमाए जा रहे है ! सरकार के आदेश के कारण बिजली बोर्ड की ओर से वसुली के लिए कार्रवाई नही हो रही है ! पर बिल के आंकड़े बढ़ते जा रहे है जिनका भुगतान करना आम आदमी के बस की बात नही होगी !