कानपुर ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – आईपीएस अधिकारी सुरेन्द्र दास की मौत से बेखबर मां अस्पताल उन्हें देखने पहुंची. अंदर घुसते ही वह महकमे के खड़े अफसरों व कर्मियों के साथ मीडिया कर्मियों के चेहरे पर आई मायूसी को भांप गई और कहा, हाय मेरा लाल और सिर पकड़कर रोते हुए बेहोश हो गई. वहीं रविवार शाम को जब आईपीएस का शव घर पहुंचा तो महज 20 मिनट के लिए उनकी पत्नी रवीना भी पहुंची. उसके थोड़ी देर बाद ही वह अपने परिजनों के साथ चली गयी.
आईपीएस सुरेंद्र दास का अंतिम संस्कार सोमवार को लखनऊ में बैकुंठ धाम में होगा. सुरेंद्र दास के निधन पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दुःख व्यक्त किया है. मुख्मयंत्री ने ट्वीटर पर शोक संतृप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
रविवार की सुबह जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी की कोशिश करने वाले आईपीएस अधिकारी सुरेन्द्र दास की मौत की खबर जैसे ही आई. पुलिस विभाग के साथ उनके शुभचिंतकों, जिलेभर की जनता व उनके स्वास्थ लाभ की कामना करने वाले शोक में डूब गये. पांच सितम्बर से रीजेंसी अस्पताल में जिदंगी की जंग लड़ रहे आईपीएस अधिकारी को लेकर कोई भी यह मनहूस खबर सुनना नहीं चाहता था, लेकिन जैसे ही अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश अग्रवाल ने आकर मेडिकल बुलेटिन में 12 बजकर 19 मिनट पर अंतिम सांस लेने व उनके निधन की पुष्टि की, सभी दुःख में डूब गये.
इस खबर से अनजान मां इंदू देवी 12 बजकर 40 मिनट पर अस्पताल में बेटे का हालचाल लेने पहुंची लेकिन उन्हें अस्पताल परिसर में दाखिल होते ही पुलिस व मीडिया कर्मियों को देखते तनिक भी समय नहीं लगा कि अब उनका बेटा इस दुनिया में नहीं है. अपने बेटे की मौत की खबर पूरी तरह से टूट चुकी मां ने वहां खड़े हर एक शख्स की आंखों में पढ़ ली और उनके मुंह से शब्द निकले हाय मेरा लाल ये क्या हो गया! इतना कहते ही मां परिसर में सोफे पर बदहवास होकर गिर पड़ी और सिर पकड़कर रोने लगी. यह देखते ही दौड़कर आईपीएस पूजा यादव (एसपी फतेहपुर) पहुंची और अपने कलेजे के टुकड़े की इस मनहूस खबर को सुनते ही टूट चुकी मां को संभालते हुए ढांढस बंधाया. हालांकि इस दौरान एसपी फतेहपुर खुद अपने आंखों के आंसू नहीं रोक पा रही थी.
आईपीएस की मौत की खबर जैसे ही उनके रिश्तेदारों व करीबियों को हुई अस्पताल में उन्हें देखने के लिए भीड़ जमा होने लगी. इस बीच जनपद में तैनात कई पुलिस कर्मियों को जैसे ही यह जानकारी हुई वह भी अस्पताल पहुंच गये. एक इंस्पेक्टर तो अस्पताल परिसर में दौड़ता हुआ दाखिल हुआ. उसकी आंखों में आंसू थे और वह रोता हुआ आईसीयू पहुंचा और अधिकारी को इस हाल में देखकर बिलखने लगा. ऐसा एक ही नहीं सैकड़ों लोगों का हाल था. इस दौरान मकहमे के उनके अधीनस्थ कर्मी यह कह रहे थे कि मुस्कुराहट भरे चेहरे के पीछे इतनी तकलीफ थी, यह उनके साथ चंद दिनों में काम के दौरान पता ही नहीं चला. इस मौके पर उनके शुभचिंतकों का यह हाल देखकर एक बात साफ हो गई कि वह मुस्कुराते हुए जिंदगी भर का मानो उन्हें कभी न भूलने वाला गम देकर चले गये.
आईपीएस सुरेन्द्र दास के निधन की सूचना पर अस्पताल पहुंचे उनके रिश्तेदारों व पारिवारिक सदस्यों ने वहां मौजूद उनकी पत्नी डॉ. रवीना यादव व ससुर राघवेन्द्र को भला-बुरा कहने लगे. गुस्सा बढ़ते ही मौजूद महकमे में पुलिस कर्मियों व अस्पताल प्रबंधन ने दोनों को पीछे के रास्ते से निकाल दिया और शव को निकालते हुए पोस्टमार्टम ले जाया गया. सुरेंद्र दास के बड़े भाई नरेंद्र दास ने आईपीएस की पत्नी रवीना पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके खिलाफ तहरीर दूंगा. पड़ोसियों के साथ साथ शहर में मौजूद बड़े बड़े अधिकारी शोक जताने उनके घर पहुंचे.