इतिहास के पन्नों से : वे पंद्रह दिन (6 अगस्त, 1947)
बुधवार... छः अगस्त. हमेशा की तरह गांधीजी तड़के ही उठ गए थे. बाहर अभी अंधेरा था. ‘वाह’ के शरणार्थी शिविर ...
बुधवार... छः अगस्त. हमेशा की तरह गांधीजी तड़के ही उठ गए थे. बाहर अभी अंधेरा था. ‘वाह’ के शरणार्थी शिविर ...