मुंबई (तेज समाचार डेस्क). एक बार फिर जीत के मुहाने पर पहुंचने के बाद टीम इंडिया का वर्ल्ड कप जीतन का सपना चकनाचूर हो गया. बुधवार को न्यूजीलैंड के साथ खेले गए सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को 18 रनों से हरा दिया. हालांकि रवीन्द्र जडेजा और महेन्द्र सिंह धोनी ने मैच जीतने की जीतोड़ कोशिश की, लेकिन बुधवार का दिन शायद भारत का दिन नहीं था. न्यूजीलैंड इस जीत के साथ ही लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंच गया. वहीं, भारतीय टीम लगातार दूसरी बार सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गई. पिछली बार उसे ऑस्ट्रेलिया ने हराया था.
– 240 रनों का मिला था टारगेट
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में खेले गए सेमीफाइनल में 240 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 221 पर सिमट गई. टॉप ऑर्डर पूरी तरह फेल रहा. रोहित शर्मा, लोकेश राहुल और विराट कोहली केवल 1-1 रन बनाकर आउट हुए. निचले क्रम ने मैच में वापसी की कोशिश की, लेकिन अंतिम ओवरों में जडेजा (77 रन) और धोनी (50 रन) के आउट होने से फैसला न्यूजीलैंड के पक्ष में गया. न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में 8 विकेट पर 239 रन बनाए. उसके लिए रॉस टेलर ने 74 और कप्तान केन विलियम्सन ने 67 रन की पारी खेली. भारत के लिए भुवनेश्वर कुमार ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए. भारतीय टीम 49.3 ओवर में 221 रन पर सिमट गई.
– मैच के टर्निंग पॉइंट
बोल्ट और हेनरी का बेहतरीन शुरुआती स्पेल : 3.1 ओवर में भारत के 5 रन पर 3 विकेट गिर गए. शुरुआती 19 गेंदों में रोहित, राहुल और कोहली आउट हो गए. न्यूजीलैंड के ओपनिंग गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट और मैट हेनरी ने पहले 10 ओवर में सिर्फ 24 रन दिए. दोनों ने 4 भारतीय बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया. बोल्ट की इनस्विंग गेंद पर कोहली एलबीडब्ल्यू आउट हो गए. दूसरी ओर हेनरी ने रोहित-राहुल और कार्तिक को पवेलियन भेज दिया. जडेजा का आउट होना मैच का टर्निंग पॉइट था. टीम का स्कोर जब 47.5 ओवर में 208 रन था तब जडेजा आउट हो गए. बोल्ट की गेंद पर वे छक्का मारने के प्रयास में विलियम्सन को कैच थमा बैठे. उन्होंने 56 गेंद की पारी में 4 चौके और 4 छक्के लगाए थे. यहां से भारत को जीत के लिए 31 रन बनाने थे.
– धोनी रहे दुर्भाग्यशाली
जडेजा के आउट होने के बाद धोनी ने अगले ही ओवर में फर्गुसन की पहली गेंद पर बैकवर्ड पॉइंट बाउंड्री के ऊपर छक्का मारा. इसके बाद तीसरी गेंद पर दो रन लेने के प्रयास में रनआउट हो गए. उन्हें गुप्टिल ने डायरेक्ट थ्रो पर पवेलियन भेज दिया.
– पंत और पड्या ने भी फेरा उम्मीदों पर पानी
भारतीय टीम 24 रन पर 4 विकेट गंवा चुकी थी. यहां से पंत और हार्दिक ने पांचवें विकेट के लिए 47 रन की साझेदारी की. पंत ने 23वें ओवर में सेंटनर की गेंद पर खराब शॉट खेल कर ग्रैंडहोम को कैच थमा दिया. इसके बाद हार्दिक ने 31वें ओवर में सेंटनर की गेंद पर ही विलियम्सन को कैच थमा बैठे.
– अपने आखरी वर्ल्ड कप में धोनी को मिली निराशा
धोनी का यह आखिरी वर्ल्ड कप मैच था. उन्होंने 72 गेंद पर 50 रन बनाए. इस पारी में धोनी ने एक चौका और एक छक्का लगाया. उन्होंने इस वर्ल्ड कप में 9 मैच में 45.50 की औसत से 297 रन बनाए. विकेटकीपिंग में उन्होंने 7 कैच लिए और 3 स्टंप किए. धोनी ने पहली बार 2007 में वर्ल्ड कप खेला था. उसके बाद से इस टूर्नामेंट में उन्होंने कुल 29 मैच में 780 रन बनाए. इस दौरान 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में नाबाद 91 रन बनाए थे. तब टीम उनकी कप्तानी में खिताब जीती थी.
– नहीं चला कोहली का बल्ला
विराट कोहली अपने वर्ल्ड कप करियर में लगातार तीसरी बार सेमीफाइनल में नहीं चले. इससे पहले 2011 में पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में वे 9 रन पर आउट हो गए थे. 2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में 1 रन और इस बार न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी 1 रन पर आउट हो गए.
– अकेले लडैया रहे रवींद्र जडेजा
जडेजा का इस वर्ल्ड कप में यह दूसरा मैच ही था. उन्होंने गेंदबाजी में 1 विकेट अपने नाम किया. दो कैच लिए और एक रनआउट किया. जडेजा ने 5 साल बाद वनडे में अर्धशतक लगाया. उन्होंने पिछला अर्धशतक 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में लगाया था. जडेजा-धोनी ने 7वें विकेट के लिए 116 रन की साझेदारी की.
– जडेजा वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बचाने वाले फील्डर
जडेजा इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बचाने वाले फील्डर बन गए हैं. उन्होंने फील्डिंग के दौरान टीम इंडिया के लिए 41 रन सेव किए. रवींद्र जडेजा वर्ल्ड कप के 2 मैचों में टीम इंडिया के लिए खेले हैं, लेकिन वे बाकी मैचों में सब्स्टिट्यूट फील्डर के तौर पर ग्राउंड में आते रहे हैं.