पुणे (तेज समाचार डेस्क). शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में असफल रहे शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया आखिरकार शुरू हो गई है. प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक दत्तात्रय जगताप ने संबंधित शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया है.
– नहीं मिला एक और मौका
13 फरवरी 2013 के बाद राज्य में नियुक्त शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा परिषद द्वारा 31 मार्च तक टीईटी उत्तीर्ण करना आवश्यक था. राज्य सरकार ने केंद्रीय जनशक्ति विकास मंत्रालय से टीईटी पास करने के लिए अतिरिक्त अवसर प्रदान करने का अनुरोध किया था. तद्नुसार, अयोग्य शिक्षकों को सेवा से नहीं हटाने की सलाह दी गई थी. हालांकि, राज्य सरकार के अनुरोध को 3 जून 2019 के पत्र के माध्यम से केंद्रीय जनशक्ति विकास मंत्रालय द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था. इसलिए, टीईटी शिक्षकों की विफलता पर सरकार के 24 अगस्त के फैसले के तहत, सेवा के समापन का आदेश अवर सचिव स्वप्निल कापडनीस ने 25 नवंबर को जारी किया था. इसके बाद, प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को एक महीने के लिए व्यावहारिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
– निजी संस्थाएं अपने स्तर पर कार्यवाही करे
प्राथमिक शिक्षा निदेशक दत्तात्रय जगताप ने नगर आयुक्त, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रभागीय उप निदेशक, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. इस आदेश के अनुसार 13 फरवरी 2013 के बाद नियुक्त शिक्षकों, अगर वे टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करते हैं, तो उन्हें 24 अगस्त के शासन निर्णय के अनुसार सेवा समाप्ति का स्पीकिंग ऑर्डर दे. इसके अनुसार जिला परिषद व मनपा स्कूलों की शिक्षकों की सेवा समाप्त की जाए. प्राइवेट शिक्षण संस्था के अनुदानित व विनाअनुदानित स्कूलों के शिक्षकों की सेवा समाप्ती की कार्यवाही संबंधित संस्था अपने स्तर करे. प्राइवेट संस्था संबंधित शिक्षकों की सेवा समाप्त न करने पर उनका वेतन 1 जनवरी 2020 से शासन द्वारा दिया नहीं जाएगा. यह पत्र द्वारा बताया गया है.