पिट गया पैकेज : आम आदमी की बचत खत्म सरकार की ओर से वसूली जारी
जामनेर (नरेंद्र इंगले): ” हमे तालाबंदी से बचना है और कोरोना के ख़िलाफ़ जारी जंग को जितना है फिर भी अंतिम विकल्प के रूप मे राज्य सरकारे तालाबंदी पर फैसला करे ” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए राष्ट्र के नाम संबोधन से राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार ने पूर्ण तालाबंदी को चुनकर अपने हि मिशन बिगिन अगेन पर ब्रेक द चेन ( इकॉनमी ) की मुहर लगा दी है . सरकार द्वारा गरीबो के लिए घोषित किया गया 5400 करोड़ रुपयो का राहत पैकेज बुरी तरह से पिट चुका है . पैकेज से असंगठित क्षेत्र को कोई लाभ नही मिला . ठाकरे सरकार मे शामिल शिवसेना कांग्रेस NCP विरुद्ध देवेंद्र फडणवीस इस संघर्ष को मीडिया मे केंद्र बनाम राज्य की शक्ल देकर इस कदर भुनाया गया कि इससे चुनावी राज्यो के नतीजो को नफे नुकसान मे टटोला गया . इसी बीच कोरोना संक्रमण रोकने के लिए आवश्यक फैसले और नीती निर्धारण मे वक्त फ़िजूल खर्च किया गया . जिसका खामियाजा पूर्ण तालाबंदी के शक्ल मे जनता को आने वाले 15 दिनो तक भुगतना पड़ेगा . प्रमुख अखबारो के सभी जिला संस्करण कोरोना की आड़ मे की जा रही दलीय राजनीति की खबरो से पटे पड़े है . जामनेर मे शिवसेना ने मांग की है कि पूर्व मंत्री गिरीश महाजन द्वारा संस्थापित GM अस्पताल को प्रशासनिक दायरे मे लाया जाए . NCP ने निजी कोविड केंद्रो के जांच की मांग की है . बेहतर होता कि सत्तापक्ष मे शामिल दलो के अंदर से यह मांग की जाती की घरेलू बिजली ग्राहको के एक महीने तक के बिल माफ़ कर दिए जाए . प्रति यूनिट 22 फीसदी तक कि बढ़ोतरी को रद्द किया जाए , म्युनिसिपल टैक्स , रेवेन्यू टैक्स समेत तमाम सरकारी टैक्सेस की वसूली मे सुधार के साथ रोक लगाई जाए . मिडल क्लास और मजदूरो की बचत खत्म हो चुकी है आम आदमी अपने EMI को लेकर चिंतित है .
सभी दल चाहे तो प्रशासन की मदत से अस्थायी कोविड केयर का निर्माण कर सकते है . तालाबंदी के नियमो के उल्लंघन पर हर दिन जुर्माने के रूप मे लाखो रुपयो का चालान वसूला जा रहा है . मुकदमे दर्ज किए जा रहे है . इतना सब कुछ होने के बाद भी नागरिक अपने नागरिक होने का परिचय देते हुए तालाबंदी के नियमो का सम्मान करते नजर आ रहे है . जामनेर मे कई जगहो पर ब्लड डोनेशन कैम्प के आयोजनो को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है . एक साल बीत जाने के बाद भी सरकार को कोरोना की चेन ब्रेक करने मे सफलता नही मिल सकी है . टेस्टिंग मे इजाफा हुआ है पर टीको को लेकर राजनीति अब भी जारी है . सरकार की नाकामी के कारण पैदा हुई तालाबंदी की अप्रिय आवश्यकता को जनता ने स्वीकार कर लिया है . सरकार की ओर से जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिए पैकेज के बजाय पानी , बिजली , स्वास्थ , अनाज और टैक्सेशन मे राहत देने वाले अहम फैसलो की मांग जनता मे की जा रही है .