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पहुर बिट का संरक्षित वनक्षेत्र आग मे झुलसा : घास बनी पेड़ो का काल ?

Tez Samachar by Tez Samachar
May 27, 2021
in Featured, जलगाँव
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पहुर बिट का संरक्षित वनक्षेत्र आग मे झुलसा : घास बनी पेड़ो का काल ?

पहुर बिट का संरक्षित वनक्षेत्र आग मे झुलसा : घास बनी पेड़ो का काल ?

जामनेर (नरेंद्र इंगले): जलगांव जिले का जामनेर तहसिल वनक्षेत्र जो अधिकरियो की अनास्था के कारण किसी भी विशेष उपलब्धी के मामले मे कही भी स्वयम को रेखांकित नही कर पाया है वह आज अपनी लड़ाई खुद लड़ रहा है . 27 मई की शाम करीब 4 बजे पहुर वनखंड मे अचानक आग लग गई . आग का पुख्ता कारण पता नही चल सका है पर पर्यावरण चिकित्सको के मुताबिक बताया गया कि गर्मी के मौसम मे सुखी घास के कारण जंगलो मे इस तरह आग लगने की घटनाएं आए दिन होती रहती है ऐसे मे जरूरी है कि आग को जंगल के अन्य हिस्सो मे फैलने से रोकने के लिए फायर लाइन का रखरखाव दुरुस्त हो . पहुर वनखंड मे लगी आग मे एक घंटे के भीतर करीब 5 एकड़ तक का जंगल आग की चपेट मे आ गया . पर्यावरणविदो की समीक्षा को सही ठहराया गया तो आग का कारण बनी रूखी सुखी घास को वनप्रशासन द्वारा नीलामी मे कब का बेच दिया जाना चाहिए था पर ऐसा हुआ नही और इसी घास की चिंगारी बनी पत्ती ने जिंदा पेड़ो को आग मे झुलसा दिया . वैसे मानसून के भरोसे अपने अस्तित्व को बचाने मे लगे वनक्षेत्र मे उगने वाली घास की नीलामी को लेकर आखिर प्रशासन को क्या व्यावधान आ रहे है इसकी पुष्टि नही की गई . घास से जुड़ी एक सच्चाई यह भी है कि जब घास मे गरीब किसान अपने मवेशी छोड़ देते है तब प्रशासन के लोगो द्वारा उन्हे नियम कानून का हवाला देकर अपनी जेब के लिए परेशान किया जाता है .
बहरहाल उक्त मामले मे वनविभाग की टीम घटनास्थल के लिए रवाना तो हुई लेकिन मौके पर क्या आंकलन किया गया यह पता नही चल सका . विदित हो कि इसी वनखंड की फायर लाइन से सटकर ठीक हाइवे के बगल मे खानपान के ढाबो का परिचालन किसके आशीष से किया जा रहा है यह जांच का स्वतंत्र विषय हो सकता है . वैसे भवानी घाटी के जंगलो मे भी इसी प्रकार से आगजनी की घटनाएं होती आ रही थी जो इस साल नही हुई . नासिक प्रादेशिक विभाग मे शामिल जामनेर वनक्षेत्र की सीमाएं मराठवाड़ा और विदर्भ इन प्रादेशिक वनक्षत्रो से सटकर होने के कारण प्राकृतिक दृष्टी से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है .
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