सबसे भीषण विमान हादसों की कहानी
( विक्रांत पाटिल 8007006862 ) हवाई यात्रा को सबसे सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इतिहास में कुछ ऐसे विमान हादसे हुए हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को झकझोर दिया. इन हादसों ने न केवल सैकड़ों-हजारों जिंदगियां छीन लीं, बल्कि विमानन सुरक्षा के नियमों में भी बड़े बदलाव लाए. आइए जानते हैं, इतिहास के कुछ सबसे भीषण और जानलेवा विमान हादसों की कहानी—
टेनेरिफ एयरपोर्ट डिजास्टर (1977)
27 मार्च 1977 को स्पेन के टेनेरिफ एयरपोर्ट पर घना धुंध छाया था. इसी दौरान KLM और Pan Am की दो Boeing 747 विमान रनवे पर आमने-सामने आ गए. गलत कम्युनिकेशन और खराब विजिबिलिटी के कारण दोनों विमानों की जोरदार टक्कर हो गई. इस हादसे में 583 लोगों की मौत हो गई, जो अब तक का सबसे बड़ा विमान हादसा है. इसके बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल और रेडियो कम्युनिकेशन के नियमों में बड़ा सुधार किया गया.
जापान एयरलाइंस फ्लाइट 123 (1985)
12 अगस्त 1985 को जापान एयरलाइंस की फ्लाइट 123 Japan Airlines Flight 123 Crash टोक्यो से उड़ान भरने के बाद तकनीकी खराबी के कारण पहाड़ों से टकरा गई. विमान के पिछले हिस्से की मरम्मत में हुई गलती के चलते प्रेशर बल्कहेड फट गया और विमान लगभग बेकाबू हो गया. इस दुर्घटना में 520 लोगों की जान गई. यह एक ही विमान में सबसे ज्यादा मौतों वाला हादसा है.
चारखी दादरी मिड-एयर कोलिजन (1996)
12 नवम्बर 1996 को दिल्ली के पास सऊदी अरबियन एयरलाइंस और कजाकिस्तान एयरलाइंस के दो विमान हवा में ही टकरा गए. गलत ऊंचाई पर उड़ान और कम्युनिकेशन की कमी के कारण 349 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद भारत में सभी विमानों के लिए TCAS (ट्रैफिक कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम) अनिवार्य कर दिया गया.
सऊदी फ्लाइट 163 (1980)
19 अगस्त 1980 को रियाध, सऊदी अरब में एक विमान में उड़ान के दौरान आग लग गई. पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग तो कर दी, लेकिन समय रहते इवैक्युएशन नहीं हो पाया. धुएं और आग के कारण सभी 301 यात्रियों की मौत हो गई.
मलेशिया एयरलाइंस फ्लाइट MH17 (2014)
17 जुलाई 2014 को मलेशिया एयरलाइंस का फ्लाइट MH17 यूक्रेन के ऊपर उड़ते समय मिसाइल हमले का शिकार हो गया. विमान में सवार सभी 298 लोग मारे गए. यह हादसा युद्ध क्षेत्र में उड़ान भरने के खतरों को उजागर करता है.
ईरान एयर फ्लाइट 655 (1988)
3 जुलाई 1988 को ईरान एयर का एक विमान गलती से अमेरिकी नौसेना द्वारा मिसाइल से मार गिराया गया. इसमें 290 लोगों की जान चली गई.
अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 191 (1979)
25 मई 1979 को शिकागो एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही अमेरिकन एयरलाइंस का विमान क्रैश हो गया. इंजन के अलग हो जाने और हाइड्रोलिक फेल्योर के कारण 273 लोगों की मौत हो गई.
पैन एम फ्लाइट 103 (लॉकरबी बम धमाका, 1988)
21 दिसंबर 1988 को पैन एम फ्लाइट 103 स्कॉटलैंड के लॉकरबी शहर के ऊपर उड़ते समय बम धमाके का शिकार हो गया. इसमें 270 लोगों की मौत हुई, जिनमें 11 लोग जमीन पर थे. यह एक आतंकवादी हमला था.
एयर इंडिया फ्लाइट 855 (1978)
1 जनवरी 1978 को मुंबई के पास एयर इंडिया का विमान इंस्ट्रूमेंट फेल्योर और पायलट की गलती के कारण समुद्र में गिर गया. सभी 213 यात्रियों की मौत हो गई.
यह भी देखें -THE DEADLIEST AND MOST CATASTROPHIC AIR DISASTERS IN HISTORY
मलेशिया एयरलाइंस फ्लाइट MH370 (2014)
8 मार्च 2014 को मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट MH370 रहस्यमयी तरीके से लापता हो गई. 239 लोग सवार थे और आज तक उसका कोई पता नहीं चल पाया है.
चारखी दादरी मिड-एयर टक्कर (12 नवंबर 1996, भारत)
दिल्ली के पास, Saudi Arabian Airlines की फ्लाइट 763 और Kazakhstan Airlines की फ्लाइट 1907 हवा में टकरा गईं. दोनों विमानों में कुल 349 लोग सवार थे और कोई भी जीवित नहीं बचा. यह हादसा एयर ट्रैफिक कंट्रोल की चूक और गलत ऊँचाई पर उड़ान भरने के कारण हुआ, जो भारत के इतिहास का सबसे बड़ा विमान हादसा है.
नाइजीरिया एयरवेज फ्लाइट 2120 (11 जुलाई 1991, सऊदी अरब)
डग्लस DC-8 विमान के टायर में आग लग गई, लेकिन पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग की बजाय उड़ान जारी रखी. आग ने पूरे विमान को अपनी चपेट में ले लिया और 261 यात्रियों की जान चली गई.
चाइना एयरलाइंस फ्लाइट 140 (26 अप्रैल 1994, जापान)
नागोया एयरपोर्ट पर उतरते समय पायलट की गलती से Airbus A300 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. 271 में से 264 यात्रियों की मौत हो गई.
तुर्किश एयरलाइंस फ्लाइट 981 (3 मार्च 1974, फ्रांस)
McDonnell Douglas DC-10 विमान का कार्गो डोर उड़ान के दौरान खुल गया, जिससे विमान नियंत्रण खो बैठा और 346 लोगों की जान चली गई.
पैन एम फ्लाइट 103 (लॉकरबी डिजास्टर, 21 दिसंबर 1988, स्कॉटलैंड)
यह हादसा इतिहास के सबसे कुख्यात आतंकवादी हमलों में से एक है. Pan Am Flight 103, जो लंदन से न्यूयॉर्क जा रही थी, स्कॉटलैंड के लॉकरबी शहर के ऊपर उड़ते समय बम धमाके से नष्ट हो गई. 259 यात्रियों और 11 स्थानीय निवासियों, कुल 270 लोगों की मौत हुई. यह घटना ब्रिटेन की धरती पर सबसे बड़ा आतंकी हमला थी, जिसकी जांच में FBI और स्कॉटिश पुलिस को वर्षों लगे. बाद में पता चला कि बम एक रेडियो में छुपाकर विमान के सामान में रखा गया था, और इसके लिए लीबिया के एक खुफिया अधिकारी को दोषी ठहराया गया .
अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 587 (12 नवंबर 2001, न्यूयॉर्क, USA)
Airbus A300 विमान टेकऑफ के तुरंत बाद रुदर कंट्रोल फेल्योर के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया. 260 यात्री और 5 जमीन पर मौजूद लोग मारे गए.
चाइना एयरलाइंस फ्लाइट 611 (25 मई 2002, ताइवान)
Boeing 747 विमान स्ट्रक्चरल फेल्योर के कारण समुद्र में गिर गया. 225 यात्रियों की जान चली गई.
एयर फ्रांस फ्लाइट 447 (1 जून 2009, अटलांटिक महासागर)
Airbus A330 विमान अटलांटिक महासागर में गिर गया. पायलट की गलती और उपकरण फेल्योर के कारण 228 लोगों की मौत हुई.
स्विसएयर फ्लाइट 111 (2 सितंबर 1998, कनाडा)
McDonnell Douglas MD-11 विमान में केबिन में आग लग गई, जिससे विमान समुद्र में गिर गया और 229 लोगों की जान चली गई.
इजिप्टएयर फ्लाइट 990 (31 अक्टूबर 1999, अटलांटिक महासागर)
Boeing 767 विमान अटलांटिक महासागर में संदिग्ध परिस्थितियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. 217 यात्रियों की जान चली गई.
इन हादसों ने पूरी दुनिया को विमानन सुरक्षा के महत्व का अहसास कराया और नियमों में कई बड़े बदलाव लाए. हर हादसा एक सीख है कि तकनीक, मानवीय गलती और परिस्थितियों का संतुलन कितना जरूरी है.