पुणे (तेज समाचार डेस्क). इस चुनाव में जनता ने महायुति को स्पष्ट बहुमत दिया फिर भी दोनों के बीच की अनबन के चलते सरकार नहीं बन पाई और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया.हालांकि इसके बावजूद महाराष्ट्र में किसी भी हाल में मध्यावधि चुनाव नहीं होंगे, यह स्पष्ट करते हुए भूतपूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने रविवार को सोमेश्वर नगर में विश्वास जताया कि राज्य में जल्द ही स्थिर सरकार मिलेगी.
बारामती तालुका के सोमेश्वरनगर स्थित सोमेश्वर सहकारी चीनी मिल में पेराई सत्र के शुभारंभ समारोह में अजित पवार ने यह कहकर सत्ता स्थापना का सस्पेंस भी बढ़ा दिया है कि, सरकार स्थापना को लेकर शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस के बीच सत्ता के बंटवारे का फार्मूला तय हो चुका है, इन खबरों में कोई तथ्य नहीं है.तीनों पार्टीयों के एकत्रित आकर चर्चा किये बिना कोई रास्ता नहीं निकल सकेगा.इस बारे में हमारे सर्वोच्च नेता चर्चा कर अंतिम फैसला करेंगे.
इस विधानसभा चुनाव में शरद पवार के बारे की गई ऊलजलूल बयानबाजी, ईडी की कार्रवाई और बरसात में हुई प्रचार सभा से महाराष्ट्र की जनता का मत परिवर्तन हुआ.इसका असर चुनाव के नतीजों पर नजर आया.सर्वाधिक सीटें जीतने के बाद भी वे संतुष्ट नहीं हैं जबकि हम बहुमत में न रहते हुए भी समाधानी है.बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा काफी अहम है, इस मैजिक फिगर को साधने के बाद ही सत्ता स्थापित हो सकेगी.हालांकि कोई भी नहीं चाहता कि राज्य में मध्यावधि चुनाव हो.मंगलवार को सोनिया गांधी और शरद पवार की बैठक होने जा रही है, इसमें अन्य वरिष्ठ नेताओं की चर्चा के बाद कोई हल निकल सकेगा.