बीकानेर (तेज समाचार डेस्क). राजस्थान के हनुमानगढ़ में चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि गुरु नानकदेव की कर्मस्थली करतारपुर के लिये आजादी के सत्तर साल बाद गलियारे का निर्माण हो रहा है. इससे सवाल उठता है कि बंटवारे के दौरान करतापुर के पाकिस्तान में रहने की गलती कैसे हो गई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि बंटवारे के समय कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने समझदारी और सूझबूझ दिखाई होती तो गुरु नानकदेव की पवित्र कर्मस्थली करतारपुर भारत में होती.
– साम्प्रदायिक आधार पर हुआ देश का विभाजन
मोदी ने आगे कहा कि देश का विभाजन साम्प्रदायिक आधार पर हुआ था. मुसलमानों को इस्लामिक देश चाहिये था. वे अपने देश चले गये, लेकिन उस वक्त के कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अगर थोड़ी सी समझदारी और संवेदनशीलता दिखाई होती तो गुरुनानक देव की कर्मस्थली आज भारत में ही होती. सिर्फ सात किलोमीटर दूरी पर स्थित यह पवित्र स्थल करतारपुर पाकिस्तान में चला गया. गुरु परम्पराओं एवं मर्यादाओं का पालन करने वाले गुरु प्यारे जब सरहद से उस पार इस स्थल को देखते हैं, तो मत्था टेकने की ललक लिए तड़प उठते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ऐसी ही गलतियों को सुधारना उनके नसीब में आया है.
– पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दे रहे हैं
मोदी ने कहा कि यह मतदाताओं के समझदारी से किये गये मतदान की ताकत ही है कि हम पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दे रहे हैं. उनकी ताकत से ही करतारपुर गलियारे का निर्माण संभव हो रहा है. उन्होंने पश्चिमी राजस्थान की पानी की समस्या की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान एवं पंजाब की राज्य सरकारें और केन्द्र में सरकारें होते हुए भी इस समस्या का समाधान करने का पूर्व में प्रयास नहीं हुए. सरकारें थीं, लेकिन उनकी नीयत ठीक नहीं थी. पानी बेकार चला जाता था. हमारी सरकार आने पर सरहिंद फीडर और इन्दिरा गांधी नहर परियोजनाओं के जीर्णोद्वार के लिए दो हजार करोड़ रुपए का बजट दिया गया है. इन पर काम शुरू हो चुका है. दोनों नहरों की जीर्णोद्वार योजनायें पूरी होने पर पश्चिमी राजस्थान को 800 क्यूसेक पानी ज्यादा मिल सकेगा. इससे गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में खुशहाली बढ़ेगी.