– ठेकेदारों ने अतिरिक्त आयुक्त के सामने किया सनसनीखेज खुलासा
पुणे (तेज समाचार डेस्क). महापालिका की ओर से शहर में किए जानेवाले सफाई काम के टेंडर फिर एक बार चर्चा में आए है. जारी साल के लिए प्रशासन द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय के स्तर पर करीब 50 करोड़ के टेंडर निकाले गए है. लेकिन उसमें से कई टेंडर 10 से 21 प्रतिशत ज्यादा दर से आए हैं. इस वजह से अब अतिरिक्त आयुक्त ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिए है कि 10% से अधिक दर के टेंडर रद्द करें. इसके अनुसार ये टेंडर 10 प्रतिशत ज्यादा दर से रखे गए है. इस बीच टेंडर ज्यादा दर से क्यों आते है, इसको लेकर अतिरिक्त आयुक्त ने ठेकेदारों के साथ बैठक की थी. तब ठेकेदारों द्वारा खुलासा किया गया कि महापालिका के अधिकारियों को 10% ज्यादा राशि हमें वितरित करनी होती है. इस वजह से हम ज्यादा दर से टेंडर देते है. ठेकेदारों के इस खुलासे की वजह से अब महापालिका के भ्रष्टाचार पर मुहर लगती जा रही है. साथ ही अधिकारियों के कारनामें भी बाहर आ रहे है. इस बीच ठेकेदारों के खुलासे की वजह से अतिरिक्त आयुक्त भी आश्चर्यचकित हो गए थे.
– 50 करोड़ के टेंडर
ज्ञात हो कि महापालिका की ओर से शहर की सड़के साथ ही खुली जगहों की सफाई की जाती है. इस काम के लिए महापालिका के पास पर्याप्त मनुष्यबल ना होने की वजह से महापालिका की ओर से यह काम आऊटसोर्सिंग के माध्यम से किया जा रहा है. इस काम के लिए हर साल टेंडर प्रक्रिया लागू की जाती है. इसके लिए हाल ही में सभी क्षेत्रीय कार्यालयों ने टेंडर लागू किए गए थे. करीब 50 करोड़ के ये टेंडर हैं. लेकिन अब देखने को मिल रहा है कि ये टेंडर ज्यादा दर से आए है. इससे महापालिका का नुकसान होगा. क्षेत्रीय कार्यालय के स्तर पर करीब 50 करोड़ के टेंडर निकाले गए है. लेकिन उसमें से कई टेंडर 10 से 21 प्रतिशत ज्यादा दर से आए हैं. इससे महापालिका का नुकसान होगा. इस वजह से अब अतिरिक्त आयुक्त ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिए थे कि 10% से अधिक दर के टेंडर रद्द करें. इसके अनुसार ठेकेदारों ने ये दर कम किए है. लेकिन अब इसमें और एक अजब खुसाला सामने आ रहा है.
– अतिरिक्त आयुक्त ने ठेकेदारों से की बैठक
इस बीच इस ज्यादा दर के टेंडर हर साल आते है, इस वजह से इसका स्पष्टीकरण लेने को लेकर महापालिका के सभी अतिरिक्त आयुक्त ने ठेकेदारों के साथ बैठक की. इसमें अति आयुक्त ने इन लोगों से इस बारे में खुलासा मांगा. तब उन्होंने कहा कि महापालिका के अधिकारियों को इसमें से 10 प्रतिशत राशि वितरित करनी होती है. इस वजह से हमें ज्यादा दर देना पड़ता है. ठेकेदारों के इस खुलासे की वजह से अब महापालिका के भ्रष्टाचार पर मुहर लगती जा रही है. साथ ही अधिकारियों के कारनामें भी बाहर आ रहे है. इस बीच ठेकेदारों के खुलासे की वजह से अतिरिक्त आयुक्त भी आश्चर्यचकित हो गए थे.