नई दिल्ली ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – प्रेस की स्वतंत्रता एवं मीडिया का आत्मनियमन विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया संगोष्ठी का आयोजन निस्कार्ट मीडिया कॉलेज वैशाली गाजियाबाद और यूरेका पब्लिकेशन पुणे मिलकर कर रहे हैं. शुक्रवार को इस संगोष्ठी के पहले दिन दीप प्रज्वलित करने के उपरांत राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि श्री सच्चिदानंद जोशी को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरुस्कार से सम्मानित किया गया. निस्कोर्ट मीडिया कॉलेज के डायरेक्टर डॉ जोश मुरिकिन ने यह पुरस्कार देकर सम्मानित किया.
सम्मान स्वीकारते हुए श्री जोशी ने अपने सम्भाषण में कहा कि आज एक बहस जारी है, न्यूज़ पेपर को न्यूज़ लिखनी चाहिए या व्यू लिखने चाहिए. आदर्श तौर पर दोनों अलग होने चाहिए, पर आज अखबार में न्यूज़ नहीं मिलती बल्कि व्यूज़ ही छपे हुए हैं.उन्होंने कहा कि टीवी की डिबेट सब्जी वाले के साथ होने वाली डिबेट से भी गई गुजरी हो चुकी है. सोशल मीडिया सबसे ज्यादा अनसोशल मीडिया बन चुका है एक इंडस्ट्री में तब्दील हो चुका है.
कार्यक्रम में उपस्थित सीनियर एंकर एवं पत्रकार साक्षी जोशी ने अपने सम्बोधन में कहा कि उन्हें हर पोलिटिकल पार्टी की तरफ से बुरी तरह ट्रोल किया जाता है क्योंकि कोई भी पार्टी प्रश्न पूछने वालों को पसन्द नहीं करती. आज भारत प्रेस स्वतंत्रता के क्षेत्र में विश्व में138 वें पायदान पर है।निसन्देह एक मजबूत लोकतांत्रिक देश के लिए यह एक असहज स्थिति है. पत्रकार होने की वजह से नहीं बल्कि देश के नागरिक होने के नाते भी यह जिम्मेदारी ही नहीं अधिकार भी है कि किसी भी सरकार से जो अपने घोषणापत्र के वादे पूरे नहीं करती है प्रश्न पूछे जाएं.
प्रिंसिपल डॉक्टर ऋतु दुबे तिवारी ने संगोष्ठी के पहले दिन आभार व्यक्त करते हुए अपने की-नोट में मीडिया की अपरिमित शक्तियों को सकारात्मक रूप से उपयोग करने पर बल दिया. मीडिया के आत्मनियमन को भारत में प्रभावी ढंग से अपनाने के विभिन्न पक्षों को प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के पहले दिन 10 पेपर मीडिया के विभिन्न विषयों पर प्रस्तुत किये गए.
डिवाइस मैकेनिज्म फॉर अलटरनेट मैथड्स ऑफ कंटेंट एवोल्यूशन’ विषय से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसे मीडिया विशेषज्ञ, लेखक आशीष कौल (मुंबई) ने कन्डक्ट किया