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समय पर उपचार और एम्बुलेंस नहीं मिलने से पुणे में पत्रकार की हुई मौत

Tez Samachar by Tez Samachar
September 3, 2020
in Featured, पुणे, प्रदेश
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समय पर उपचार और एम्बुलेंस नहीं मिलने से पुणे में पत्रकार की हुई मौत
पुणे (तेज समाचार डेस्क). समय पर इलाज और एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण पुणे में एक कोरोना ग्रस्त टीवी पत्रकार का बुधवार के तड़के देहांत हो गया. पांडुरंग रायकर (Pandurang Raikar) (42) का जुकाम और बुखार के चलते टेस्ट (Test) किया गया था. 28 अगस्त को उनके कोरोनाग्रस्त रहने की पुष्टि हुई थी. इस दौरान वे अपने पैतृक घर अहमदनगर में थे. यहां सांस लेने में दिक्कत के बाद उन्हें एम्बुलेंस द्वारा पुणे लाया गया. पुणे में वे लगातार हॉस्पिटल के चक्कर काटते रहे, लेकिन उन्हें किसी ने भर्ती नहीं किया. आखिरकार उन्हें एक जंबो अस्थाई कोविड हॉस्पिटल में एक बेड मिला. मगर मंगलवार को उनकी तबियत बिगड़ी और बुधवार के तड़के उन्होंने दम तोड़ दिया.
– कई अस्पतालों में चक्कर काटने के बाद जम्बो अस्पताल में मिला बेड
पुणे जैसे शहर में एक वरिष्ठ पत्रकार (Pune Journalist) को एंबुलेंस और अस्पताल में बेड न मिलने के चलते अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, इस खबर से न केवल पुणे जिले बल्कि पूरे राज्य में खलबली मच गई है. पत्रकार रायकर की बहन ने मीडिया के साथ की गई बातचीत में आरोप लगाया कि उन्हें कार्डियक एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण एक साधारण एम्बुलेंस में अहमदनगर से पुणे लाना पड़ा और इलाज में देरी हुई. कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद जंबो अस्थाई कोविड हॉस्पिटल में बेड तो मिल गया मगर सही इलाज नहीं मिल सका जिसके चलते पत्रकार पांडुरंग रायकर की मृत्यु हुई है. उनकी बहन ने यह भी कहा, यहां डॉक्टरों को प्रशिक्षित नहीं किया गया है. सरकार ने करोड़ों की कीमत वाले केंद्र बनाए. लेकिन मरीजों को हॉस्पिटल तक शिफ्ट करने के लिए कार्डियक एम्बुलेंस (Cardiac Ambulance ) की व्यवस्था नहीं की गई, इस कारण पांडुरंग की मृत्यु हो गई.

कोरोनाकाळात सयंतपणे रिपोर्टिंग करणारे @TV9Marathi चे पुणे प्रतिनिधी पांडुरंग रायकर यांचं कोरोनामुळे निधन झालं. भावपूर्ण श्रद्धांजली 🙏🏻

— Nilesh N Rane (@meNeeleshNRane) September 2, 2020

– भाजपा नेता नीतेश राणे ने महाविकास आघाड़ी सरकार पर साधा निशाना
मूल रूप से अहमदनगर जिले के रहने वाले 42 वर्षीय पांडुरंग रायकर, अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, पुत्र और पुत्री को इस दुनिया में छोड़ कर चले गए हैं. रायकर पिछले कई साल से एक मराठी न्यूज चैनल के लिए काम कर रहे थे. उनके निधन के बाद भाजपा नेता भाजपा नेता नीतेश राणे ने महाविकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने ट्वीट किया है कि पुणे में पत्रकार का मर्डर हुआ? महाराष्ट्र सरकार की ढिलाई की वजह से उन्होंने अपनी जान गंवा दी. कोरोना के इस काल में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है. इस कोविड केंद्र का उद्घाटन करने वाले सीएम उद्धव ठाकरे इस्तीफा देकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें.

टीव्ही 9 @TV9Marathi चे पुण्याचे प्रतिनिधी पांडुरंग रायकर यांचे कोरोनामुळे आपल्यातून अकस्मात निघून जाणे हे मनाला अतिशय वेदना देणारे आहे.
माझी भावपूर्ण श्रद्धांजली!
कुटुंबीय आणि आप्तस्वकियांच्या दुःखात आम्ही सहभागी आहोत. pic.twitter.com/E3pDWg0msm

— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) September 2, 2020

– पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस व स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने जताया शोक
पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने पांडुरंग के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस संबंध में चर्चा करने की बात कही है. फडणवीस ने ट्विटर लिखा-कोरोना के कारण पुणे से पांडुरंग रायकर का आकस्मिक निधन बेहद दर्दनाक है. उन्हें मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि! हम परिवार और रिश्तेदारों के दुःख में शामिल हैं. इस मामले में उपमुख्यमंत्री और पुणे जिले के पालकमंत्री अजित पवार ने जांच का आदेश दे दिया है. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी इस मामले में जांच और कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए है.

 

– कोपरगांव अपने घर गए बिगड़ी रायकर की तबीयत
पांडुरंग रायकर कुछ दिनों पहले सर्दी और बुखार से पीड़ित होने थे, लेकिन उनकी कोरोना परीक्षण रिपोर्ट नकारात्मक थी. 28 अगस्त को, पांडुरंग रायकर अहमदनगर जिले के कोपरगांव के अपने गृह नगर गए.  लेकिन वहां भी, उन्हें समस्याएं होने लगीं और उनका एंटीजन टेस्ट किया गया. उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव  आई. उन्हें आगे के इलाज के लिए कोपरगांव के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल ने उसे 40 हजार रुपये जमा करने को कहा.  लेकिन उच्च लागत के कारण, उन्हें पुणे के शिवाजीनगर में नव स्थापित जंबो कोविड़  केयर सेंटर में भर्ती कराया गया. उन पर  जगह पर इलाज शुरू किया.  हालांकि, उनकी हालत खराब हो गई.
– जब तक एम्बुलेंस मिली, तब तक देर हो चुकी थी 
उन्हें जम्बो अस्पताल से दूसरे अस्पताल में ले जाने के लिए कार्डियक एम्बुलेंस की जरूरत थी. क्योंकि मंगलवार को उनका ऑक्सीजन स्तर घटकर 78 हो गया था. ऐसी एम्बुलेंस प्राप्त करने का प्रयास मंगलवार से शुरू हो रहा था. मंगलवार रात एक एम्बुलेंस मिली. हालांकि, इसमें लगे वेंटिलेटर ठीक नहीं होने की बात कही गई थी. तो  दूसरी एम्बुलेंस में डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे.  दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल ने बताया कि तड़के 5 बजे एक एम्बुलेंस उपलब्ध हुई.  पत्रकार और उनके दोस्त जंबो अस्पताल पहुंचे तब डॉक्टरों ने कहा कि उनकी मृत्यु  5.30 बजे हुई. कुछ ही समय बाद, एक कार्डियक एम्बुलेंस जंबो अस्पताल पहुंची, लेकिन तब तक समय बीत चुका था.
– भ्रष्ट तंत्र का शिकार हुआ पत्रकार 
इस बीच, पिछले छह महीनों में, पांडुरंग रायकर ने कोरोना  के बारे में बहुत सारी खबरें बनाई हैं.  इसमें यह भी शामिल है कि CEOP मैदान में एक जंबो कोविड़  केंद्र स्थापित किया जाएगा. आज उसी अस्पताल में उन पर मौत का सामना करने का समय आ गया. चर्चा है कि एक पत्रकार भ्रष्ट तंत्र का शिकार हुआ है.
– प्रशिक्षित डॉक्टरों के अभाव में मरीजों को नहीं किया जा रहा भर्ती
इस बीच पुणे मनपा ने खुलासा किया है कि कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में बने अस्थाई जंबो अस्पताल में केवल 30 आईसीयू बेड ही बचे हैं. इस हॉस्पिटल का निर्माण गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए अस्थाई रूप से किया गया था. यहां 600 ऑक्सीजन बेड और 200 आईसीयू बेड थे. ये सभी लगभग फुल होने की कगार पर हैं. इसके अलावा यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की भी भारी कमी है. इसलिए अब नए मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया जा रहा है.
– श्रमिक पत्रकार संघ ने की दोषियों पर कार्रवाई की मांग
एक कार्डियक एम्बुलेंस ना मिलने के कारण पुणे में पत्रकार पांडुरंग रायकर की मृत्यु हो गई. पांडुरंग  प्रशासन की सांठ-गांठ और असंवेदनशीलता का शिकार हुए हैं. ऐसा आरोप पुणे श्रमिक पत्रकार संघ द्वारा लगाया गया है. साथ ही इस मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग संघ द्वारा मुख्यमंत्री से की गई है.
पुणे श्रमिक संघकार संघ द्वारा की गई ये मांगे
1. पूरे मामले की पूरी जांच समय पर (अगले 2-3 दिनों में) की जानी चाहिए.  अस्पताल की व्यवस्था की देखरेख करने वाले अधिकारियों, प्रबंधन और एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
2. सभी पत्रकार फिल्ड पर अपनी जान जोखिम में डालकर मैदान पर काम कर रहे है. पत्रकारों को 50 लाख रुपये के बीमा कवर का आश्वासन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने बयान 3 जून को बुलढाणा में एक संवाददाता सम्मेलन में दिया था. पांडुरंग को  इस मामले में, निर्णय को लागू किया जाना चाहिए और उनके उत्तराधिकारियों को तत्काल भुगतान किया जाना चाहिए.
3. इस अवसर पर, पूरे सिस्टम की सीमाएं सामने आई हैं. रोगियों के जीवन को बचाने के लिए सभी आवश्यक सुधार करें.
Tags: Cardiac AmbulanceDeenanath Mangeshkar Hospital puneJumbo HospitalPandurang RaikarTV Reporter
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