धुलिया : सिविल सर्जन सांगले की कार से टकरा कर दो लोग गंभीर घायल
– निजी कार्य के लिए सरकारी वाहन का उपयोग करने का आरोप – उच्च स्तरीय जांच की मांग
धुलिया (तेज समाचार के लिए वाहिद काकर). ज़िला शल्य चिकित्सक माणिक सांगले का सरकारी वाहन मालेगांव तहसील क्षेत्र में सोमवार की सुबह दुर्घटना ग्रस्त हो गया. इसमें दो बाइक सवारों की हालत गंभीर बनी हुई है. उन्हें उपचार हेतु मालेगांव के दो भिन्न-भिन्न अस्पताल में भर्ती कराया गया. घटना की जानकारी मालेगांव पुलिस को दी गई. इस तरह की जानकारी सिविल सर्जन सांगले ने बताया है.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार-शनिवार को शासकीय अवकाश होने के कारण सिविल सर्जन डॉ. माणिक सांगले सरकारी वाहन (एम एज 18 एफ 1028) स्वयं चलाकर उनके परिवार से मिलने नाशिक स्थित आवास पर गए थे. सोमवार को नाशिक से धुलिया लौटते समय मालेगांव से सौंदाने गांव की दिशा में जाने वाली एक मोटरसाइकिल और ऑटो रिक्शा को सांगले की कार ने टक्कर मार दी. इस हादसे में बाइक सवार दीपक गोसावी बुरी तरह से घायल हो गया. उसे उपचार हेतु मालेगांव के निजी अस्पताल प्रयास हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. बाइक के पीछे बैठा दूसरा व्यक्ति रितिक संजय पवार को भी गंभीर चोटें आई, उसे मालेगांव के निजी अस्पताल में भर्ती कराया है. दोनों ही सौदणे तहसील मालेगाव निवासी हैं।
– कार चालक फरार
डॉ. माणिक सांगले ने बताया कि शनिवार को शासकीय कार्य के चलते धुलिया नाशिक गया था. शासकीय कार्य निपटा कर सरकारी कार नाशिक में पार्किंग में छोड़ धुलिया लौट आया था. रविवार को कार लाने नाशिक गया था. साथ में वाहन चालक केशव सूर्यवंशी था. सोमवार को धुलिया लौटते समय सुबह साढ़े आठ बजे मालेगांव तहसील में कार ने बाइक सवार को टक्कर मार दी वाहन चालक केशव हादसे के फौरन बाद घटनास्थल से फरार हो गया. दुर्घटना की सूचना मालेगांव पुलिस को दी है.
– अवकाश के दिन किस मीटिंग में गए थे डॉक्टर
लोगों की माने तो इस मामले में गड़बड़ी साफ दिखाई दे रही हैं. शनिवार को चौथा शनिवार होने के कारण सभी कार्यालयों को अवकाश था. फिर सिविल सर्जन कौन सी मीटिंग में शामिल होने नाशिक गए थे. चौकाने वाली बात यह है कि, वे शासकीय वाहन को नासिक में छोड़ आए और दोबारा लेने रविवार को नाशिक गए और वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. सूत्रों का कहना है कि सिविल सर्जन उनके नाशिक आवास में परिवार के साथ छुट्टियां बिताने गए थे. इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय समिति गठित कर जांच कराई जाने की मांग ज़िला अस्पताल के चिकित्सकों ने नाम न छापने की शर्त पर की है.