कोझिकोड (तेज समाचार डेस्क). जहां एक ओर केरल में आयी विनाशकारी महाप्रलयंकारी बाढ़ के पीड़ितों की सेवा में पूरा देश अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है, वहीं कुछ राजनीतिक दल और विशेष रूप से केरल के मुख्यमंत्री इस बाढ़ की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने से बाज नहीं आ रहे हैं. हाल ही में केरल के मुख्यमंत्री ने देश केा बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों को हवाई दौरा करने के बाद मात्र 500 करोड़ की मदद देने की घोषणा की है, जबकि यूएआई केरल के लिए 700 करोड़ रुपए देने के लिए तैयार हुआ है. लेकिन जल्द ही केरल के मुख्यमंत्री के इस बयान के झूठ का पर्दाफाश हो गया, जब यूएआई ने इस तरह की किसी भी मदद से इनकार करते हुए उस स्रोत के बारे में जानकारी मांगी है, जिसके माध्यम से केरल के मुख्यमंत्री ने उक्त बयान दिया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने का प्रयास किया है.
उल्लेखनीय है कि केरल बाढ़ में संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों की ओर से आर्थिक मदद को लेकर देश में विवाद चल रहा था. खबर आयी थी कि यूएई ने 700 करोड़ रुपए की मदद करने की घोषणा की है, लेकिन अब एक चौंकाने वाले बयान सामने आए हैं. यूएई सरकार ने कहा है कि हमने आधिकारिक रूप से ऐसी कोई पेशकश ही नहीं की है.
भारतीय जनता पार्टी की केरल इकाई ने कहा कि बाढ़ प्रभावित राज्य के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 10 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता की घोषणा नहीं की थी. पार्टी ने मांग की है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन उस स्रोत के बारे में खुलासा करें, जिसने उन्हें सहायता के बारे में बताया था. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि विजयन इस खबर के बारे में स्पष्टीकरण दें और बताएं कि कहां से उन्हें यह जानकारी मिली है.
केंद्र सरकार द्वारा सहायता स्वीकार करने में अनिच्छा जताए जाने के बाद से केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का निंदनीय अभियान शुरू कर दिया गया है. इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में एक संवाददाता सम्मेलन में राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में विजयन ने कहा था कि उन्हें यह जानकारी मध्य पूर्व के व्यापारी एम.ए. यूसुफ अली ने दी थी. पिल्लई ने कहा कि मोदी सरकार के अलावा कभी किसी और केंद्र सरकार ने इतनी मदद किसी राज्य को नहीं दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खराब मौसम के बावजूद हेलीकाप्टर से बाढ़ का जायजा लिया जो उनकी प्रतिबद्धता का सबूत है.