उत्साह के साथ निकाला गया १४७ साल पुरानी परंपरा वाला प्रभू श्रीराम रथ
जलगांव ( संदीप माली ) – जलगांव शहर के आराध्य व ग्रामदेवता के रूप में पहचाने जाने वाले प्रभु श्री राम के रथ की शुक्रवार को बडी शोभायात्रा निकाली गई। खानदेश के वारकरी संप्रदाय की १४७ वर्षों की परंपरा के साथ जलगांव शहर में प्रभू श्रीराम का यह महोत्सव मनाया जाता है । इस पुरातन रथ उत्सव को देखने के लिए जिले के विभिन्न इलाकों के अलावा समीपवर्ती धुलिया, मलकापुर, ब-हाणपुर आदि जिलों से भी लोगों का आगमन होता है ।
रथोत्सव के अंतर्गत शुक्रवार ०८ नवम्बर को सुबह ४ बजे काकड आरती के साथ प्रभु श्रीराम की उत्सव मूर्ति का महाअभिषेक किया गया। श्री राम मंदिर संस्थान के प्रमुख मंगेश महाराज जोशी द्वारा वारकारी सम्प्रदाय के आद्य संत सद्गुरु अप्पा महाराज की समाधी स्थल पर जाकर उनकी प्रतिमा को माल्यार्पण किया गया ।
सुबह प्रभु श्रीराम की मूर्ति के महाअभिषेक, आरती के उपरांत भजन व अन्य अनुष्ठानों को पूरा किया गया । रथोत्सव के अंतर्गत श्रीराम मंदिर संस्थान में वारकरी संप्रदाय के संत व अप्पामहाराज के पाचवे वंशज मंगेश महाराज जोशी द्वारा शारदा वेदपाठशाला के प्रमुख आचार्य वेद मुर्ती साखरे गुरूजी, नंदु शुक्ल गुरूजी, मुकुंद धर्माधिकारी व शहर के समस्त ब्राह्माणों के वेदमंत्रों व अनुष्ठानों के बीच रथोत्सव की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोपहर लगभग १२ बजे रथ को शहर में घुमाने के लिये रवाना किया गया।
ब्राह्मण वर्ग के पूजन के उपरान्त मंगेश महाराज के हांथों श्री राम रथोत्सव को खीचनेवाले, सेवाधारी आदि का पारंपारिक तरिके से टोपी, तौलिया देकर सम्मान भी किया गया। रथ पर गरुड, मारुती, अर्जुन व अश्व की दो मूर्तिया स्थापित करते हुये पुष्पों से सजाया गया।
इस पारंपारिक रथ को श्रीराम मंदिर से निकालते हुए भोईटे गढी, कोल्हेवाडा, चौधरीवाडा, तेलीचौक, मंदिर के पीछे की रथ गली, सुभाषचौक, दाणा बाजार, पीपल्स बँक, शिवाजी रोड, नेवे ब्रदर्स, घाणेकर चौक, गांधी मार्केट, श्री महालक्ष्मी मंदिर पर भजन कीर्तन के लिए रोका गया। जहां से रथ को श्री मरीमाता चौक, भीलपुरा मार्ग, बालाजी मंदिर होते हुए श्रीराम मंदिर संस्थान की ओर लाया गया। इस दौरान जगह-जगह पर पारंपारीक रांगोलियां बनाते हुए रथ का स्वागत किया जा रहा था। रथ को आरती देते हुए पटाखों एवं आतिषबाजी से जल्लोष भी किया गया। जलगांव में रथों की एक पारंपारीक विश्वप्रसिद्ध जगन्नाथपुरी रथोत्सव के समान ही श्रद्धा स्थान रखती है।
रथोत्सव के दौरान अप्पा महाराज द्वारा प्रारंभ की गई हिंदु-मुस्लिम एकात्मता का भी दर्शन भी देखने को मिला। भीलपुरा चौकपर स्थित मुस्लिम संत लाल शा बाबा की मजार पर श्री राम मंदिर संस्थान रथोत्सव समिती की ओर से गणमान्यों की मौजुदगी में पुष्पचादर भी चढाई गई। बताया जाता है कि, उस काल में अप्पा महाराज व एक मुस्लिम संत लाल शा बाबा के बीच प्रगाढ मित्रता थी। आज भी १४५ वर्षो के बाद जब गादी परम्परा का यह रथ जलगांव की भीलपुरा चौक में स्थित संत लाल शा बाबा की मजार के आगे से गुजरता है तो परम्परा अनुसार यह रथ व इसके रोजाना निकलने वाले वाहनों को कु छ देर के लिए इस स्थान पर मौन रूप में रोक दिया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस वक्त अप्पा महाराज व संत लाल शा बाबा के बीच एक संवाद होता है और इसी संवाद को दोनों धर्मो के लेाग हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतिक मानते हुए आदरभाव से नमन करते है। जलगांव के पूर्व उपनगराध्यक्ष स्वर्गीय नियाज अली द्वारा वर्ष १९७० में इस पारंपारिक रथोत्सव का स्वागत करने की परंपरा निर्माण की गई थी। नियाज अली द्वारा सामाजिक एकता के रुप में स्वागत के साथ लाल शा बाबा की समाधी के सामने आनेवाले रथ को पूरी श्रध्दा के साथ अपने समर्थकों व मुस्लिम समाज के अनुयायियों के द्वारा खीचा जाता था। आज उनकी इस परंपरा को नियाज अली के पुत्र व सुन्नी मस्जिद के अध्यक्ष अयाज अली द्वारा उसी श्रध्दा के साथ चलाया जा रहा है। अयाज अली व अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा रथ का स्वागत किया गया।
अब इस रथोत्सव में व्दादशी को रास क्रीडा का वाहन उत्सव, कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी को तुलसी विवाह, बैकुंठ चतुर्दशी को फूलों के महादेव के रूप में हरीहर भेंट की शोभा यात्रा, और पूर्णिमा के दिन पालकी शोभा यात्रा, कृष्णलीला, अन्न संतपर्ण के कार्यक्रम के साथ पंद्रह दिन का महोत्सव सम्पन्न होगा।