पुणे (तेज समाचार डेस्क). पूरे देश-दुनिया में तबाही मचाने वाले कोरोना की वैश्विक महामारी के निदान के लिए दुनिया भर में कोशिशें चल रही हैं. पुणे की नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी (एनआईवी) भी कोरोना की रोकथाम के लिए वैक्सीन बनाने में लगी है. एनआईवी ने वैक्सीन को टेस्ट करने के लिए वन विभाग से 30 बंदरों की मांग की थी, जिसे मंजूरी मिल गई है. बताया जा रहा है कि 3 से 4 साल की उम्र के 30 बंदर एनआईवी को कोविड-19 के वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए दिए जाएंगे. ये बंदर पुणे जिले के वडगांव जंगल इलाके से पकड़े जाएंगे.
– वड़गांव के जंगल से पकड़े जाएंगे बंदर
एनआईवी खुद जंगलों से इन बंदरों को पकड़ेगी. वन विभाग केवल उन्हें एक असिस्टेंट देगा, जो इस काम में उनकी मदद करेगा. एनआईवी ने वन और राजस्व कर्मियों को यह प्रस्ताव भेज दिया है और उनसे बंदरों को हैंडल करने में कुशल कर्मी की मांग की है. वन संरक्षण अधिकारियों ने 30 मई को राज्य सरकार को पत्र लिखकर अनुमति देने की मांग की थी, जिसे सरकार ने तुरंत स्वीकृत कर संस्थान को बंदर उपलब्ध कराने को कहा था. अब वह विभाग से इसकी मंजूरी मिल गई है.
– ठीक ढंग से देखभाल करने की शर्त
इस बारे में महाराष्ट्र प्रदेश के वन मंत्री संजय राठोड़ ने कहा कि कोविड-19 का वैक्सीन सबसे पहले बंदरों पर टेस्ट किया जाएगा, इसलिए इसकी अनुमति दे दी गई है.एनआईवी बंदरों ठीक ढंग से देखभाल करे, इसकी शर्त रखी गई है. इसके अलावा बंदर पकड़ने के दौरान किसी अन्य जानवर को हानि नहीं पहुंचाई जाएगी. इन बंदरों का व्यावसायिक इस्तेमाल भी नहीं किया जाएगा.