राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम 7 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा
नई दिल्ली (तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):भारतीय इतिहास में वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौर का नाम हमेशा आता रहा है। मारवाड़ के इस वीरपुत्र और मातृभूमि पर अपने सम्पूर्ण जीवन को न्यौछावर कर देने वाले जुझारू यौद्धा को केवल मारवाड़ की धरती और सम्पूर्ण देश में फैले राठौर समाज ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण हिंदू समाज और इस राष्ट्र का कण-कण उन्हें आज भी याद करता है।
दिल्ली के राजघाट पर रविवार को दिलीप सिंह राठौर, कार्यक्रम संयोजक, एवं रणवीर सिंह राठौर, प्रचारक ने देशभर से आये सैकड़ो कार्यकताओ के साथ धरना दिया। साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम 7 सूत्री मांगों का ज्ञापन भी सौंपा गया है। रविवार की प्रचड़ गर्मी में राजघाट से संसद भवन तक पैदल मार्च भी किया। इस मार्च में देशभर से राठौर समाज के सैकड़ो लोगो में महिलाये और युवा वर्ग ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
मध्यप्रदेश से आये दिलीप सिंह राठौर ने बताया कि कुछ चुनिंदा राज्यों से समाज के लोग दिल्ली पहुंचे, गर्मी के चलते १००० किमी. से आने वालो लोगो को हमने खुद माना किया। यह एक सांकेतिक धरना था, हमे अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं करना था। उसके बाबजूद सैकड़ो कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचे। जिसमे रणवीर सिंह ने दिल्ली, कृति प्रसाद ने उत्तर प्रदेश, आर.बी.सिंह ने हरियाणा, दाऊदयाल ने राजस्थान, काली चरण ने छत्तीसगढ़, सुरेंद्र सिंह ने पंजाब से सैकड़ो कार्यकर्त्ताओ को दिल्ली राजघाट लाने की जिम्मेदारी को निभाया, इन सभी लोगो ने पूरे राज्य से समाज के लोगो को दिल्ली तक पहुंचाया। दिलीप सिंह राठौर, कार्यक्रम संयोजक ने बताया कि दिल्ली में हमने मांग सरकार को सौंपी है, हमे आश्वान दिया है, जल्द इन मागो को माना जायेगा। उन्होंने बताया कि वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौर को आज सम्मान जरूर मिला है, लेकिन हमारा राठौर समाज विकास की धारा से हटा हुआ है। मतलब हमारे समाज से आने वाले नरेन्द्र मोदी आज देश के प्रधानमंत्री बन गए, परन्तु समाज के लोगों को मुख्यधारा में नहीं जोड़ा जा रहा है। या कहे तो राठौर समाज विकास की मुख्यधारा से हट गया है। हम सरकार से अपने निजी हित के लिये कुछ नहीं मांग कर रहे सिर्फ राठौर समाज के वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौर की छवि से राठौर समाज को पहचाना जाता रहा है, उसे भविष्य में आने वाली पीढ़ी भी याद रखे।
उन्होंने कहा कि राठौर समाज के द्वारा इससे पहले 11 नंवबर 2018 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था, राठौर समाज को सरकार की ओर से आश्वासन दिया मिला था कि राठौर समाज की माँगों को 6 माह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन माँगों को पूरा नहीं किया है। जिसके लिये राठौर समाज दोबारा 16 जून रविवार को राजघाट पर प्रदर्शन कर पैदल मार्च कर सरकार को ज्ञापन सौपा है।
– क्या है 7 सूत्री मांग
१. उज्जैन में वीरशिरोमणि दुर्गादास राठौर की (समाधी) को राष्ट्रीय स्मारक घोषित हो।
२. उज्जैन में वीरशिरोमणि दुर्गादास राठौर से जुड़ी विषय वस्तुओं का भव्य संग्राहलय निर्माण कराया जाए।
३. सम्पूर्ण भारत वर्ष में राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की जयन्ती पर शासकीय अवकाश घोषित किया जाए।
४. सार्वजनिक क्षेत्र की भारत सरकार की किसी एक योजना का नाम वीरशिरोमणी दुर्गादास राठौर के नाम पर रखा जाए।
५. सभी राज्यों में किसी एक पाठय पुस्तक में राष्ट्र वीरदुर्गादास राठौर के जीवन परिचय का अध्याय जोड़ा जाए।
६. देश की राजधानी दिल्ली में किसी चैराहे पर वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौर की प्रतिमा स्थापित की जाये और दिल्ली में वीरदुर्गादास राठौर के नाम पर एक मुख्य मार्ग एवं पार्क का नामकरण किया जाये।
७. देशभर में फैला राठौर समाज आज शोषित है, इसलिए राठौर समाज को विकास की मुध्य धारा से जोड़ने के लिए अति पिछड़ा वर्ग का दर्जा देकर राठौर समाज को प्रगतिशील बनाने के कार्य में आदेश किया जाये।