पुणे (तेज समाचार डेस्क). विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा व शिवसेना की युति में आई दरार के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. जो राज्य के हित में नहीं है. ऐसे में राज्य में जल्द से जल्द वैकल्पिक सरकार बनाने पर राकां का जोर है. पुणे में राकां की कोर कमिटी की बैठक में इस पर चर्चा की गई. उक्त जानकारी राकां के प्रवक्ता नवाब मलिक ने दी.
मोदी बाग स्थित शरद पवार के बंगले पर राकां कोर कमिटी की बैठक करीब दो घंटे चली. बैठक संपन्न होने के बाद मलिक ने पत्रकारों को बताया कि इस बैठक में महाराष्ट्र की स्थिति व राज्य की राजनैतिक परिस्थिति पर पार्टी ने चर्चा की गई. किस तरह से राज्य को वैकल्पिक सरकार दी जा सकती है, बैठक में इसपर गहन चर्चा की गई. सरकार को लेकर कल यानी सोमवार को दिल्ली में पार्टी सुप्रीमो शरद पवार व कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी में अहम बैठक होगी. इसके बाद मंगलवार को कांग्रेस व राकां नेताओं की बैठक होगी. सरकार बनाने को लेकर शिवसेना को राकां के समर्थन पर मलिक ने कहा कि कांग्रेस व राकां ने मिलकर चुनाव लड़ा. इसलिए इसपर फैसला दोनों मिलकर करेंगे. इसपर आगे की रणनीति तय की जाएगी.
इस बैठक में शरद पवार, अजित पवार, सुप्रिया सुले, प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल, सुनील तटकरे, छगन भुजबल, जीतेंद्र आह्वाड, अनिल देशमुख, धनंजय मुंढे, दिलीप वलसे पाटिल उपस्थित थे.
प्रफुल्ल पटेल की गैरमौजूद-
खास बात यह रही कि शरद पवार के दाहिने हाथ माने जानेवाले वरिष्ठ राकां नेता प्रफुल्ल पटेल इस बैठक में दिखाई नहीं पड़े. इससे यह कयास लगाए जाने लगे कि पटेल शिवसेना को समर्थन के लिए तैयार नहीं है. इसलिए उन्हें इस बैठक में नहीं बुलाया गया.
भाजपा के 15 विधायक राकां के संपर्क में-
बैठक में भाग लेने आए प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल ने पत्रकारों को बताया कि चुनाव के पहले राकां से भाजपा में गए नेता वापस से राकां में आना चाहते हैं. वे हमसे संपर्क कर रहे हैं. ऐसे करीब 15 भाजपा विधायक हैं. पर अभी उनका नाम नहीं बताया जा सकता. इससे उनका नुकसान होगा. पाटिल से जब पूछा गया कि क्या राकां सरकार बनाने के लिए भाजपा से भी संपर्क कर रही है तो इसपर उन्होंने कहा कि राकां कार्यकर्ता शिवसेना के साथ जाने को लेकर सहज हैं. हमारे लिए भाजपा पत्थर है तो शिवसेना ईंट.