जकार्ता (तेज समाचार डेस्क). इंडोनेशिया में शनिवार की देर रात अनाक क्राकाताओ ज्वालामुखी फटने से सुंदा खाड़ी में अचानक सुनामी आ गयी, जिसकी चपेट में आकर 222 लोगों की मौत हो गई, जबकि 700 से ज्यादा घायल हो गए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार देर रात अनाक क्राकातोआ ज्वालामुखी फटने के बाद समुद्र के नीचे भूस्खलन आ गया. इससे उठी 50 से 65 फीट ऊंची लहरों ने तटीय इलाकों में तबाही मचा दी. दक्षिणी सुमात्रा के किनारे स्थित कई इमारतें तबाह हो गईं.
– बढ़ सकता है मृतकों का आंकड़ा
सुंदा खाड़ी इंडोनेशिया के जावा और सुमात्रा द्वीप के बीच है. यह जावा समुद्र को हिंद महासागर से जोड़ती है. सुमात्रा के दक्षिणी लामपुंग और जावा के सेरांग और पांदेलांग इलाके में सुनामी का सबसे ज्यादा असर पड़ा. इंडोनेशिया के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रवक्ता सुतोपो पुरवो नुग्रोहो के मुताबिक, “जियोलॉजिकल एजेंसी सुनामी की वजहों का पता लगाने में जुट गई है. मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है.”
– छोटा ज्वालामुखी द्वीप
अनक क्राकातोआ एक छोटा ज्वालामुखी द्वीप है. यह 1883 में क्राकातोआ ज्वालामुखी के फटने के बाद अस्तित्व में आया था. नॉर्वे के पत्रकार ओएस्टीन एंडरसन के मुताबिक, ज्वालामुखी फटने के समय वे करीब के ही एक द्वीप से उसकी फोटो ले रहे थे. इसी दौरान एक 50 से 65 फीट ऊंची लहर तट पर आती दिखी. एंडरसन ने बताया कि उन्हें जान बचाकर होटल की तरफ भागना पड़ा. हालांकि, इसके बाद अगली ही लहर होटल तक पहुंच गई. इसकी चपेट में आने से होटल के बाहर खड़ी कारें पलट गईं.
– लोगों को सावधान नहीं कर पाया आपदा प्रबंधन विभाग
एबीसी के रिपोर्टर डेविड लिप्सन के मुताबिक, आपदा विभाग लोगों को सुनामी के बारे में बताने में नाकाम रहा. पहले ऊंची लहरें उठने पर कहा गया था कि पूरे चांद की वजह से ज्वार भाटा आ सकता है. विभाग ने लोगों से अफवाह न फैलाने की अपील की थी. हालांकि अब एजेंसी ने माफी मांगी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस भ्रम की एक वजह यह थी कि सुनामी से पहले भूकंप जैसी कोई गतिविधि नहीं थी.
– तीन महीने पहले आया था भूकंप
इसी साल सितंबर में इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप स्थित पालु और दोंगला शहर में भूकंप के बाद सुनामी आने से 832 लोगों की मौत हो गई थी. हजारों लोग घायल हुए थे. कुल छह लाख की आबादी वाले इन दोनों शहरों में आपदा के बाद बीते तीन महीनों से हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं.
– 14 साल पहले सुनामी में गई थी 2 लाख लोगों की जान
2004 में इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.3 तीव्रता का भूकंप आया था. इसके बाद हिंद महासागर के तटीय इलाकों वाले देश सुनामी की चपेट में आ गए थे. तब भारत समेत 14 देश सुनामी से प्रभावित हुए थे. दुनियाभर में 2.20 लाख लोगों की जान गई. इनमें 1.68 लाख लोग इंडोनेशिया के थे.
– सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं वाला देश इंडोनेशिया
इसी साल जुलाई में इंडोनेशिया में एक हफ्ते के अंतराल में भूकंप के दो झटके आए थे. लोम्बोक में 7 और बाली में 6.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था. इनमें सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी. इंडोनेशिया दुनिया में सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं वाला देश है. यह ‘रिंग ऑफ फायर’ पर मौजूद है. यहां धरती के अंदर मौजूद टेक्टॉनिक प्लेट्स आपस में टकराने से भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं ज्यादा होती हैं.