जलगांव (नरेंद्र इंगले ):जलगांव जिले के जामनेर तहसिल के वाकडी गांव से 19 मार्च से लापता निर्दलिय ग्राम पंचायत सदस्य विनोद चाँदने के अपहरण के पुख्ता सबुत मिलने के बावजुद पुलिस प्रशासन ने संदीग्द्धो के खिलाफ़ फ़ौजदारी दायर नहि कि है ! जिसके कारण उस सिस्टम के विरोध मे जो कि स्पष्ट रुप से किसी राजनितीक इशारो पर कामकाज कर रहा है ! उसके खिलाफ़ पिडीत के परीवारवालो ने आज मिडीया के सामने अपनी बात रखी है ! जामनेर के एक निजी चैनल के स्टूडीयो पहुचे पिडीत विनोद के भाईयो मे से विजय चाँदने ने एक आधिकारीक बयान मिडीया मे रीलिज किया है ! जिसमे कहा है कि उनका भाई विनोद ग्राम पंचायत मे निर्दलिय सदस्य होने के नाते पंचायत के प्रशासनीक कामकाज पर पैनी नजर रखता था , विभिन्न योजनाओ के समन्वय को लेकर सुचना अधिकार कानून तहत पत्राचार भी करता था विनोद के इसी रवैय्ये से पंचायत का उजागर हो रहा भ्रष्टाचार सत्तापक्ष के लिए सिरदर्द बन चुका था ! इसी से असंतुष्ट गांव के धन्नासेठ तथा पंचायत सदस्य शेखर वाणी ने विनोद को जान से मारने कि धमकि दि थी ! जिसके बाद कुछ महिनो पहले वाणी के कहने पर धनराज जोशी , प्रविण औटी , मोहसिन तडवी , फीरोज तडवी , अमजद तडवी ने विनोद कि पिटायी कि थी इतना होने के बाद भी तब हम सभी परीजनो ने मामले को इस लिए सुलटा लिया क्यो कि हम लोग गरीब है ! महिने पहले जातीवैधता दाखिले के अभाव से सरपंच पद गवा बैठी नसीबाई तडवी के निलंबन के लिए विनोद को जिम्मेदार मानकर शेखर वाणी के कहने पर कुछ गुर्गो ने विनोद को पिटा था तब भी हम लोगो ने संयम का परीचय देते हुए झगडे को बढावा नहि दिया ! विनोद को आखरी बार तलेगांव निवासी महेंद्र परदेसी जो कि आपराधिक छवी का शख्स है उसके साथ देखा गया था तब से विनोद लापता है ! बयान मे दर्ज किए गए लोगो द्वारा विनोद का अपहरण कर उसके साथ इरादतन संगीन दुर्व्यवहार किया गया है ऐसा आरोप प्रेस रीलिज मे किया गया है ! पिडीत के परीजनो के मुताबीक विनोद को लापता हुए पांच दिन होने के दौरान तफ्तीश मे पुलिस को विनोद कि मिली लावारीस मोटरसाईकिल , मोबाईल , मौक पर पाए गए खुन के धब्बे इन सबुतो के बाद भी दोषीयो के खिलाफ़ अपहरण का मामला कलमबद्ध नहि किया जा रहा है ! पिडीत के भाई विजय ने विनोद द्वारा अनूविभागीय पुलिस अधिकारी को पोस्ट किया वह पत्र भी दिखाया जिसमे विनोद ने उसकि जान को खतरा होने कि बात कहि है ! बहरहाल इस पुरे मामले मे पुलिस अपनी जांच मे जुटी है ! जब तक विनोद का पता नहि चल जाता तब तक इस प्रकरण से परदा नहि उठ सकेगा ! पिडीत के परीजनो कि जुबानी मिडीया मे प्रसारीत बयानो के मद्देनजर वक्त का तकाजा यहि कहता है कि इस मामले मे निष्पक्षता से जांच कि जानी चाहिए ताकि अगवा किया गया विनोद उसी सिस्टम का सताया हुआ है जिसकि पिडा से स्वयम सिस्टम कहि जुदा नहि है !