• ABOUT US
  • DISCLAIMER
  • PRIVACY POLICY
  • TERMS & CONDITION
  • CONTACT US
  • ADVERTISE WITH US
  • तेज़ समाचार मराठी
Tezsamachar
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
Tezsamachar
No Result
View All Result

सोचो, 40 लाख टैंकर यानी 1350 करोड़ लीटर पानी हम रोज बर्बाद कर रहे हैं

Tez Samachar by Tez Samachar
July 27, 2019
in Featured, विविधा
0
सोचो, 40 लाख टैंकर यानी 1350 करोड़ लीटर पानी हम रोज बर्बाद कर रहे हैं
  • यदि हम आज नहीं चेते, तो एक-एक बूंद पानी को तरसेंगे हम : डॉ. परमेश्वर अरोरा
  • जल इस पृथ्वी के सभी जीवों के लिए आवश्यक है. लेकिन पृथ्वी पर जितना भी जल उपलब्ध है, उसमें से 97 प्रतिशत जल समुद्र में है, जो कि पीने योग्य नहीं है. शेष 3 प्रतिशत जल ही इस धरती पर पीने योग्य जल है. लेकिन हम सभी ने इस सीमित जल का इतना दुरुपयोग किया है, कि आज सिर्फ 1 प्रतिशत ही पानी इस धरती पर पीने योग्य शेष है. वर्तमान समय इस बात की कड़ी चेतावनी दे रहा है, कि यदि आज भी हम सचेत नहीं हुए, तो भविष्य में हम पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस जाएंगे. कुछ विशेषज्ञों ने तो यहां तक भविष्यवाणी कर दी है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए होगा.

लेकिन क्या हम इस स्थिति को टाल नहीं सकते? बिल्कुल टाल सकते है, यदि हम आज से ही पानी की एक एक बूंद के संरक्षण की व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदारी उठा ले. हम आज से ही गौर करना शुरू करे कि हमारे भारत देश में ही कितना पानी प्रतिदिन विभिन्न   माध्यमों से वेस्ट किया जा रहा है. यदि पानी की इस बर्बादी को आज ही रोक लिया जाए या इस बर्बादी को रोकने के प्रयासों की ओर आज से ही कदम बढ़ाए जाए, तो हम भविष्य में पानी के लिए होनेवाले विश्वयुद्ध को निश्चित ही टाल सकते हैं और हमारे आनेवाली पीढ़ी के लिए भी पानी को बचा सकते है.

इन दिनों बारिश का मौसम है. आधे से ज्यादा देश पानी में डूबा हुआ है. लेकिन हम इस वर्षाजल को कितना बचा सकते है. शायद कुछ ही मात्रा में. अधिकांश पानी नदी-नालों से होता हुआ, सीधा समुद्र में जा मिलेगा जो हमारे किसी काम का नहीं है. जो पानी हम संग्रहित करते है, वह हम पूरे वर्ष भी इस्तेमाल नहीं कर सकते. क्योंकि हमारे यहां पानी संग्रहित करने के साधन यानी, छोटे-बड़े जलाशय ही है. जिस गति से शहरों की जनसंख्या बढ़ रही है, जिस गति से उद्योग क्रांति हो रही है, उसके लिए हमारे द्वारा संग्रहित पानी कतई पर्याप्त नहीं है. वर्षा काल के गुजर जाने के बाद यह संग्रहित पानी अगले वर्षाकाल तक भी टिक नहीं पाता.

यहां तक कि हमने आज तक जलाशयों की संग्रह क्षमता को भी बढ़ाने की दिशा में प्रयास नहीं किए है. नए जलाशयों का निर्माण नहीं किया जा रहा है. कम क्षमतावाले जलाशय शीघ्र ही भर जाते है, और हम खुश हो जाते है कि जलाशय भर गए है. हकीकत यह है कि हम भ्रम की स्थिति में है. जलाशयों के सिकुडने और जलाशयों की अपर्याप्तता के कारण वर्षा ऋतु के गुजरने के बाद जमीन में पानी का स्तर पुन: घटने लगता है.

कल्पना करिए, आज वरुण देवता प्रसन्न   है. यदि किसी वर्ष वर्षा नहीं हुई, तो हमें पानी कहां से मिलेगा. वर्षाकाल समाप्त होते ही, नदियां सिमटने लगती है, जलाशयों का पानी घटने लगता है, जमीन सूखने लगती है. आखिर हम इस भयावह स्थिति के लिए गंभीर क्यों नहीं हो पा रहे हैं.

दिल्ली के श्री. गंगाराम अस्तपाल के आयुर्वेदाचार्य डॉ. परमेश्वर अरोरा पिछले तीन वर्षों से लगातार जल क्रांति के माध्यम से न सिर्फ लोगों को बल्कि प्रशासन को, सरकार को इस गंभीर प्राकृतिक चेतावनी के प्रति आगाह करने का प्रयास कर रहे हैं. डॉ. परमेश्वर अरोरा के इस प्रयास ने आज जनक्रांति का रूप ले लिया है. करोड़ों लोग आज उनके जलक्रांति से जुड़ रहे हैं. यदि देश का प्रत्येक नागरिक डॉ. परमेश्वर अरोरा के इस जलक्रांति अभियान में पानी बचाने का संकल्प ले लें, तो हम पानी के लिए भविष्य में होनेवाले विश्वयुद्ध को निश्चित ही टाल सकते है और हमारी आनेवाली पीढ़ी को भी सुरक्षित जीवन दे सकते है.

डॉ. परमेश्वर अरोरा बताते है कि हम आम आदमी विभिन्न प्रकार से करीब 1350 करोड़ लीटर पानी बिना किसी उपयोग के बर्बाद कर देते है. 1350 करोड़ लीटर पानी यानी 40 लाख टैंकर पानी होता है. बिना किसी सरकारी मदद के हम सिर्फ अपने ही प्रयासों से यह पानी बचा सकते है. हमारे देश में 725 जिले है. यदि इन सभी जिलों को इन 40 लाख टैंकरों से पानी की अपूर्ति की जाए, तो प्रत्येक जिले को 5500 टैंकर पानी मिलेगा. जरा सोचिए, प्रति दिन प्रत्येक जिले को 5500 टैंकर मिले, तो क्या हमें कभी पानी की कमी हो सकती है. कतई नहीं. लेकिन इसके लिए हमें प्रति दिन बर्बाद होनेवाले पानी को बचाना होगा. देखे वीडियो : जलदूत डॉ. परमेश्वर अरोरा

डॉ. परमेश्वर अरोरा आखिर जनमानस को, सरकार को, प्रशासन को क्या संदेश देना चाहते है, उनके द्वारा जारी वीडियो के माध्यम से स्पष्ट होता है. प्रत्येक व्यक्ति को डॉ. परमेश्वर अरोरा के इस जलक्रांति संदेश वीडियो को देखना चाहिए, सुनना चाहिए, उस पर अमल करना चाहिए और पानी के उपयोग को लेकर उनके द्वारा दिए गए संदेश के प्रति संकल्पबद्ध होना चाहिए. देखे वीडियो : जलदूत डॉ. परमेश्वर अरोरा

डॉ. परमेश्वर अरोरा के जलक्रांति अभियान से जुड़ने के लिए उनकी वेबसाइट जरूर देखें.

http://www.jalkrantibydrarora.com
join@jalkrantibydrarora.com

संपर्क : 85270 10101

Tags: Dr. Parmeshwar ArorajaldootjaldutJalkrantithird world war for waterWater savingworld war for water
Previous Post

Independent TV update : ITV 2.0 अवतार में 15 अगस्त को डीटीएच सेवा फिर से शुरू करेगा

Next Post

बदलापुर में उल्हास नदी की बाढ़ में फंसी महालक्ष्मी एक्सप्रेस के सभी यात्री रेस्क्यू

Next Post
बदलापुर में उल्हास नदी की  बाढ़ में फंसी महालक्ष्मी एक्सप्रेस के सभी यात्री रेस्क्यू

बदलापुर में उल्हास नदी की बाढ़ में फंसी महालक्ष्मी एक्सप्रेस के सभी यात्री रेस्क्यू

  • Disclaimer
  • Privacy
  • Advertisement
  • Contact Us

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.