जलगांव (नरेंद्र इंगले ):” आपमे से कोई जानता है किसने किया यह सब ! ” ” तुमने तुमने किया है सब ” फ़िल्म आक्रोश मे दर्शाया यह संवाद उस घटना कि भीषणता को रेखांकित करता है जिसमे प्रशासनीक महकमे के नाक के निचे गुंडे गरीबो कि बस्ती जला देते है और इसी घटना से संबद्ध हत्याकांड कि जांच के लिए सीबीआई अधिकारी अजय देवगन और अक्षय खन्ना टीम के साथ दिल्ली से झांझर मे पहुचते है ! प्रियदर्शन दिग्दर्शीत आक्रोश फ़िल्म का यह संवाद बेमेल समाज व्यवस्था पर कडी चोट करता है शायद इसी संवाद को कोल्हापुर – सांगली के बाढपिडीत सरकार कि लापरवाहि के लिए इस्तेमाल करने के विचार मे हो सकते है और यकिनन बाढ पिडीतो का सरकार पर अपना आक्रोश व्यक्त करना उनका अपना अधिकार है क्यो कि वास्तविकता के आधार पर इस विभिषिका के लिए पुर्ण रुप से सरकार को जिम्मेदार माना जा रहा है !
मौसम विभाग द्वारा 29 जुलाई को हेवी रेन का रेड अलर्ट देने के बावजूद मुख्यमंत्री तीन दिन तक विदर्भ मे चुनावी यात्रा मे रोड शोज करते रहे दौरान मुसलाधार वर्षा और कर्नाटक सरकार के अडीयल रवैय्ये से अलमट्टी डैम के बैकवाटर से पनपी बाढ से कोल्हापुर – सांगली जिलो मे करोडो रुपयो कि संपत्ती तबाह होती रहि . 12 लोगो कि जान चली जाती है ! मुख्यमंत्री के प्रतिनीधी बनकर बाढपिडीतो कि सहायता के लिए तैनात मंत्री गिरीश महाजन हंसते खिलखिलाते पानी मे डूब चुकि पिडीतो कि मृत संपत्ती के उपर बोट के सहारे वाटर पिकनीक करते विडीयो बनाते है ! कुछ मिनटो मे यह विडीयो पुरे भारत मे फैलता है और मंत्री कि इस हरकत पर जमकर असंतोषजनक प्रतिक्रिताए आती है डैमेज कंट्रौल के तहत मंत्री का बाढ राहत मे योगदान वाला विडीयो चलाया जाता है जो पहले विडीयो कि तुलना मे अधिक लाइक नहि हो पाता तो मंत्री के फेवर मे उनके भक्त अपनी लिखने कि योग्यता को दाव पर लगाते है ! माफी मांगने के बजाय मंत्री खुद का समर्थन करते है सरकार भी बचाव मे उतर आती है ! 26/11 मुंबई आतंकि हमले के बाद तत्कालिन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख का फ़िल्मी पर्यटन भी तब काफी चर्चा मे रहा था !
आखिर हमारे भारत जैसे लोकतांत्रीक देश मे नेताओ कि इस सोच का आधार क्या है ? जमुरीयत मे राजा केवल प्रजा होती है ना कि कोई शख्स ! राजनिती के पाठ्यपुस्तक के पन्ने महाजन जैसे कयी असंवेदनशील व्यक्तीत्वो के उदाहरणो से भरे पडे है और राजनिती से ऐसे लोग बाद मे गायब भी हो चुके है यह भी सच्चायी है ! लोगो द्वारा लोगो के लिए चलायी गयी व्यवस्था को संविधान मे लोकतंत्र कहा गया है लेकिन हो रहा है बिलकूल इसके विपरीत यहा जनता द्वारा चुने गए लोगो द्वारा कुछ खास लोगो के लिए व्यवस्था को चलाया जा रहा है मानो कि सामंतवादी विचारो वाली मानसिकता ने लोकतांत्रीक चोला पहन लिया हो ! जनता के अपने चुने हुए नेता सेवक नहि अभिभावक बन चुके है . अहंकार ने इन्हे इतना अंधा बना दिया कि इनके दिमाग मे सामंतवाद वाला लंबा शासक वर्ग बनने का विश्वास पक्का हो गया आखिर इस विचारधारा पर आधारीत आचरण कि बुनीयाद क्या ? हो सकती है इनका जवाब देने वाली चुनावी प्रक्रिया हि आज संदेह के घेरे से घिर चुकि है ! मुख्यमंत्री फडनवीस ने सांगली का दौरा किया जहा उन्हे पिडीतो के असंतोष का सामना करना पडा जिसके बाद उन्होने मुंबई मे आयोजित पत्रकार परीषद मे बाढ प्रभावीत क्षेत्र कि स्थिती का ब्योरा रखा दौरान सेल्फीफेम मंत्री महाजन और कर्नाटक के सीएम के बचाव मे भी खुलकर बात कि इधर विपक्ष इस्तीफ़ा हि मांगता रहा ! सीएम के इस एक ब्रिफिन्ग मे सरकार ने सरकार को क्लीन चीट दे दि ! बहरहाल इन सब के बीच बाढपिडीतो कि सहायता के लिए पुरे राज्य से विभिन्न सामाजिक संगठनो ने मोर्चा संभाला है ! कोकण , उत्तर महाराष्ट्र , मराठवाडा समेत अन्य इलाको से जिवनावश्यक वस्तूओ से भरे ट्रक कोल्हापुर सांगली कि ओर निकल पडे है ! NCP सुप्रिमो शरद पवार ने कराड़ पहुचकर बाढपिडीतो कि सांत्वना कि और जरुरी साजोसामान वितरीत किया ! जामनेर तहसिल मे राष्ट्रवादी इकायी ने संजय गरुड के नेतृत्व मे बाढपिडीतो के लिए सहायता पूनर्वास राशी जुटाने कि मुहिम चलायी ! लोगो मे इंसानियत कि इस इमानदार भावना बाढपिडीतो के लिए असली संकटमोचक कि भुमिका निभा रहि है !