पुणे (तेज समाचार डेस्क). एक कंपनी के डायरेक्टर रहे एक डॉक्टर के अपहरण मामले की गुत्थी को पिंपरी चिंचवड पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट 1 ने सुलझा लिया है. इस मामले के आरोपियों को 48 घन्टे के भीतर सलाखों के पीछे डालने में पुलिस को कामयाबी मिली है. उन दोनों पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर नौकरी पर से निकाले जाने के गुस्से में आकर इस वारदात को अंजाम दिए जाने की चौंकानेवाली जानकारी सामने आई है.
योगेश गणपती काकडे (25) व किरण राजेंद्र सकटे (22 दोनों निवासी चर्होली) ऐसे गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं. इन दोनों को क्राइम ब्रांच यूनिट 1 की टीम ने शिवाजीनगर रेलवे स्टेशन पर तब धरदबोचा जब वे मुंबई से लौट रहे थे. उनपर डॉ. शिवाजी पडवल निवासी धायरी पुणे के अपहरण का आरोप है. पडवल मरकल- आलंदी एमआयडीसी स्थित ‘राठी पॉलीबाँड’ कंपनी के निदेशक हैं.
– चोरी का झूठा आरोप लगा कर नौकरी से निकाले जाने से थे नाराज
क्राइम ब्रांच के एसीपी सतीश पाटिल के अनुसार, काकड़े और सकटे राठी पॉलीबाँड में नौकरी करते थे. कंपनी में होनेवाली चोरियों के लिए डॉ. पडवल ने उनको जिम्मेदार ठहराया था. उन्हीं के कहने पर कंपनी के मालिक ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया था. कोई दोष न रहने के बाद भी नौकरी से निकाले जाने से वे नाराज थे और उन्हें पुनः नौकरी पर रखने की लगातार गुजारिश कर रहे थे. मगर कंपनी प्रबंधन ने अपना फैसला नहीं बदला.
ईमानदारी से काम करने के बाद भी चोरी का आरोप लगाते हुए नौकरी से निकाले जाने से नाराज होकर काकड़े और सकटे ने डॉ. पडवल को जान से मारने का प्लान बनाया. दो दिन पहले दिघी पुलिस थाने की सीमा में कार से कट मारने के बहाने से उन्होंने पडवल से मारपीट की और उन्हें अगवा कर यवत तक ले गए. तब तक पुलिस को इसकी जानकारी मिल गई और आलंदी, दिघी पुलिस, क्राइम ब्रांच के फिरौती विरोधी दस्ते और यूनिट 1 की टीमें टेक्निकल जानकारी के आधार पर आरोपियों की तलाश में जुट गई.
– भाई तो फोन पर भेजी लोकेशन
कुछ देर बाद पडवल के भाई को एक कॉल आया, जिसमें उनके एक ढाबे पर होने की जानकारी मिली. अपहरणकर्ताओं ने नौकरी पर से निकाले जाने के गुस्से में डॉ. पडवल को डंडे पीटा. उनके एटीएम से 20 हजार रुपए निकलवाये. हालांकि जब पडवल ने उन्हें बताया कि उनके बेटे का जन्मदिन है. तब आरोपियों ने उन्हें छोड़ दिया और उनके पैसे भी लौटा दिए. यही नहीं उनके भाई को उसके व्हाट्सएप नबंर पर जिस जगह पर पडवल को छोड़ा उस जगह का लोकेशन भी भेज दिया. इसके बाद वे मुंबई भाग गए. जब ट्रेन से पुणे लौटे तब शिवाजीनगर रेलवे स्टेशन पर उन्हें क्राइम ब्रांच ने धरदबोचा.