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जामनेर दम तोड रहि फैक्टरीयो की जिम्मेवारी किसकी

Tez Samachar by Tez Samachar
August 22, 2019
in खानदेश समाचार, जलगाँव
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Jamner news
जलगांव (नरेंद्र इंगले):2.0 जो कि एक कंपुटर साफ्टवेयर है उसी के नाम से बनी रजनीकांत कि फ़िल्म 2.0 ने जलवायु परीवर्तन और रेडीएशन के बढते खतरे के बारे मे जनता को अच्छा संदेश दिया था ! केंद्र मे विशाल जनादेश से वापसी कर चुकि मोदी सरकार को मिडीया ने इसी 2.0 साफ्टवेयर से जोडकर उसका महिमामंडन तो किया लेकिन आर्थिक मंदी कि भयावहता से निबटने को लेकर यही मिडीया नीत 2.0 वाली मोदी सरकार सभी मोर्चो पर फेल साबीत हो रहि है ! राष्ट्रीय स्तर पर हजारो निजी तथा सार्वजनीक प्लैंट बंद पड रहे है लाखो लोगो के रोजगार छीन रहे है , रक्षा क्षेत्र मे निगमीकरण के खिलाफ़ 90 हजार कर्मी सडको पर धरना देने को मजबुर है ऐसे मे बडे शर्मनाक तरीके से 5 ट्रीलियन डालर कि अर्थव्यवस्था का सपना बेचा रहा है ! झारखंड , हरीयाणा , महाराष्ट्र इन तीन राज्यो मे विधानसभा के चुनाव होने है जिसके लिए 370 के रुप मे राष्ट्रवाद का नया झुनझुना बजाया जाना आरंभ कर दिया गया है ! खैर आटोमोबाईल – स्पीनींग – स्टील उद्योगो मे चल रहि मंदी कि भीषण लहर अब गांवो तक आ पहुची है !
जामनेर के स्टार्च फैक्टरी को बीते 5 महिनो से ताला पड चुका है जिसके कारण 350 स्थायी और 200 अस्थायी कुल 550 कर्मीयो के रोजगार छीन चुके है लाखो कि छटनी के बीच यह आंकडा कुछ मायने नहि रखता पर 2.0 कि शल्क मे नायक कि नाकामी से सफ़ल खलनायक का रुप ले चुकि मंदी ने सब कुछ चौपट कर दिया है ! स्टार्च के मजदुर अपने लंबीत वेतन और रोजगार बहाली के लिए मंत्रीयो कि चौखट पर एडीया रगडने को मजबुर है ! कंपनी के वित्तीय संकट के लिए बैंकिंग सेक्टर के NPA तथा उत्पादो के लागत कि तुलना मे मिनीमम प्राईस रेट को मुख्य कारण बताया जा रहा है ! तहसिल कि दुसरी सबसे बडी कंपनी सुप्रिम कि हालत भी कुछ ठीक नहि बतायी जा रहि है ! इन सब के बीच कंपनी सेक्टर मे एक और ऐसा बिंदु है जिसपर कटाक्ष करने से शायद सब डरते है लेकिन जानते सब लोग है और वह है डोनेशन तथा वर्चस्ववादीता सिस्टम जिसके बढते हस्तक्षेप कि वजह से प्लैंट धारक खासे परेशान रहते है ! स्थानीय मिडीया इस पर  लिख नहि पाता पिडीत सेक्टर खुलकर बोल नहि सकता और इसी बेबसी को हथियार बनाकर वर्चस्ववादीयो का कामकाज फलताफुलता रहता है !
जामनेर तहसिल मे किसी समय कुछेक सहकारी प्लैंट खडे तो किए गए लेकिन चल नहि सके या चलने नहि दिए गए बाद मे स्टार्च कि तरह कुछ निजी कंपनीयो को बेचे गए जिनके चल पडने के बाद वह उक्त रुप से कबाड मे तब्दील होने को विवश है ! खेती के सिवाय क्षेत्र मे रोजगार का कोई शाश्वत जरीया नहि है हा राजनिती शायद हो सकता है क्यो कि चुनाव निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसके लिए मानव संसाधन कि आवश्यकता होती है ! कमजोर मानसून के कारण वाघुर डैम मे महज 45 फीसद जलसंचय है छोटे मोटे बाँध लबालब है अब यह आशा करना भी बेईमानी होगी कि खेती कि सिंचायी को 24 घंटे पानी मिलेगा क्यो कि यह सपना बिक बिक कर कब का निलाम इस लिए हो चुका है क्यो कि क्षेत्र के 5 जिला परीषद गुट के करीब 100 गांवो के लोग आज भी पिने के पानी के लिए तरस जाते है !
Tags: whose-responsibility-is-to-break-the-jamner-dam
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