“एयर स्ट्राइक” आखिर क्यों चुना गया मिराज 2000 ?
नई दिल्ली(तेज़ समाचार डेस्क ): भारतीय वायुसेना ने मंगलवार तड़के पाक अधिकृत कश्मीर में जैश के ठिकानों पर जमकर बमबारी की। इस दौरान कई आतंकी कैंप के नष्ट होने की खबर है। भारतीय वायुसेना के 12 मिराज-2000 विमानों के समूह ने जैश के कैंप पर 1000 किलोग्राम के बम गिराए। इस हमले के लिए एयरफोर्स द्वारा मिराज-2000 विमानों का चयन करना भी एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा था
मिराज एयरक्राफ्ट वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध में अंतिम बार प्रयोग में लिया गया था। इसके बाद इसे करगिल युद्ध के लिए चुना गया।
अंदर तक घुसकर मारने की क्षमता
इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में शामिल मिराज- 2000 डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट यानी लड़ाकू विमान है। यह अंदर तक घुसकर मार करने वाला विमान है और इसकी खास बात यह है कि ये भीतर तक जाकर टारगेट को ध्वस्त करने की क्षमता रखता है। पिछले हफ्ते पोखरण में हुए वायुशक्ति में मिराज ने अपनी ताकत दिखाई थी। उसे जो भी लक्ष्य दिया गया उसको तबाह कर दिया था।
रफाल बनाने वाली कंपनी दसॉ ने ही बनाया है मिराज एयरक्राफ्ट
मिराज-2000 एयर टू सर्फेस मिसाइल भी कैरी कर सकता है। ये वो मिसाइल जो हवा से जमीन पर मार कर सकती हैं। मिराज में 9 हार्ड पॉइंट होते हैं। यानी 9 पॉइंट्स पर हथियार ले जा सकता है। एक और बड़ी खास बात यह है कि मिराज को रडार भी आसानी से पकड़ नही सकता है। आपको बता दें कि 80 के दशक का मिराज- 2000 इंडियन एयरफोर्स बेड़े में शामिल सबसे अच्छा लड़ाकू विमान है। मिराज भी उसी दसॉ एविएशन का बनाया है जो रफाल फाइटर एयरक्राफ्ट बना रही है। मिराज इंडियन एयरफोर्स के अलावा फ्रांस, यूएई और चीन के एयरफोर्स बेड़े में भी शामिल है।
मिराज-2000 से जुड़े कुछ खास तथ्य
-30 वर्षों में 500 से ज्यादा मिराज 2000 विमान बनाए गए
-1971 में पहली बार आईएएफ ने मिराज का प्रयोग किया
-1985 से मिराज-2000 भारतीय वायुसेना में पूरी तरह शामिल
-1999 में करगिल युद्ध में मिराज ने अहम भूूमिका निभाई
-2004 में इसके बाद भारत सरकार ने और मिराज वायु सेना के बेड़े में शामिल किये
-2011, जुलाई में केंद्र सरकार ने 2.2 बिलियन डॉलर बजट मिराज के लिए तय किया