इंदौर. वर्तमान के दौर में डॉक्टर वर्ग काफी बदनाम है. लेकिन फिर भी कभी कभी कुछ ऐसी घटनाएं सामने आती है, जब कहना पड़ता है कि डॉक्टर भगवान का रूप होते है. ऐसा ही एक मामला इंदौर में सामने आया है, जहां डॉक्टर ने एक अजगर का ऑपरेशन कर उसके मुंह से करीब 300 ग्राम का ट्यूमर निकाल कर उसी जान बचाई. पहली बार किसी रैपटाइल का ऑपरेशन किया गया है. डेढ़ घंटे तक चली सर्जरी के बाद अजगर के मुंह से 300 ग्राम का ट्यूमर निकाला गया. चार डॉक्टरों की टीम ने ये सर्जरी की है. दस दिनों तक उसकी देखभाल की गई और अब उसको पिजरे में छोड़ दिया गया है.
कमला नेहरू प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) प्रबंधन के मुताबिक अगले कुछ दिनों में अजगर पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा. इंदौर जू के डॉक्टर उत्तम यादव के मुताबिक रैपटाइल की सर्जरी करना और बेहोश करना सबसे मुश्किल काम होता है. संभवतः पहली बार किसी अजगर की सफल सर्जरी की गई है. सर्जरी के पहले पांच दिनों तक स्टडी की गई. यही नहीं लिट्रेचर की मदद ली गई, जिससे सफल सर्जरी की जा सके.
वेटनरी डॉक्टरों की मदद से अजगर की सर्जरी संभव हो पाई है. जू प्रबंधन के मुताबिक अजगर के मुंह में ट्यूमर था, जिसके कारण वो खाना-पीना नहीं कर पा रहा था. सर्जरी के पहले कुछ दिनों तक मेडिसीन से इलाज करने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई विशेष सफलता नहीं मिली. सर्जरी के पहले अजगर के वजन के मुताबिक उसको एनस्थिसिया दिया गया. करीब 300 ग्राम का ट्यूमर निकाला गया है.
चार डॉक्टरों की टीम डेढ़ घंटे तक सर्जरी की. सर्जरी के बाद 10 दिनों तक फोर्स फीडिंग की गई. ऑपरेशन के बाद अब अजगर को आबजर्वेशन में रखा गया है. यही नहीं सफल सर्जरी के कारण अगले दो-तीन दिनों में अजगर के पूरी तरह स्वस्थ होने के संकेत मिले हैं. यह पहला मौका होगा जब किसी जू में अजगर की सर्जरी की गई होगी. जिसके चलते अब इस सर्जरी को एजूकेशन में शामिल किया जाएगा. शोध करने वाले छात्रों को भी सर्जरी की जानकारी दी जाएगी.