नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). डिग्री में पिता का नाम लिखने को वैकल्पिक बनाने के महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के सुझावों को एचआरडी मंत्रालय की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इस प्रस्ताव पर जल्द काम शुरू करेगा.
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि हम इस विचार से सहमत हैं. कोई छात्र अपनी मां का नाम लिखना चाहता है अथवा पिता का यह उसकी पसंद पर निर्भर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें यह अवधारणा पसंद आई और हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है. यूजीसी शीघ्र ही इसपर काम करेगा.
मेनका ने अकेले दम पर बच्चों का पालन पोषण करने वाली माताओं की चिंताओं को उठाते हुए जावडेकर को पिछले माह एक पत्र लिख कर उस नियम को बदलने की मांग की थी जिसके तहत छात्र के डिग्री प्रमाणपत्र में पिता का नाम लिखना अनिवार्य है.
मेनका ने अपने पत्र में लिखा है कि ऐसी बहुत सी महिलाओं ने मुझसे संपर्क किया है जो अपने पति से अलग हो चुकी हैं और उन्हें पिता के नाम के बिना अपने बच्चों के लिए डिग्री प्रमाणपत्र पाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. उन्होंने इसे आगे समझाते हुए कहा कि विवाह का टूटना अथवा पति पत्नी के बीच अलगाव अब एक हकीकत है और नियमों में भी यह दिखना चाहिए. पत्र में कहा गया कि अकेली अथवा अलग हो चुकी माताओं की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए हमें नियमों अथवा दिशानिर्देशों में बदलाव करके इस संबंध में एक प्रावधान लाने की जरूरत है.
गौरतलब है कि पिछले वर्ष मेनका की ही पहल पर विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट आवेदन के नियमों में बदलाव करते हुए घोषणा की थी कि आवेदन में केवल एक ही अभिभावक का नाम काफी है.