जलगांव (तेज समाचार प्रतिनिधि). अविष्कार प्रतियोगिता से वैज्ञानिकों की समस्याओं का वर्गीकरण कर उस पर उपाय निकालने के लिये एकात्मिक दृष्टि प्राप्त होती है. यह प्रतिपादन विज्ञान भारती के सचिव जयंत सहस्त्रबुद्धे ने यहां किया. उत्तर महाराष्ट्र विश्ववियालय में आयोजित किये गए विश्व विद्यालयस्तरीय अविष्कार संशोधन प्रतियोगिता का उद्घाटन करते समय जयंत सहस्त्रबुद्धे बोल रहे थे.
इस अवसर पर कुलपति प्रा.पी.पी. पाटील अध्यक्ष के रूप में तथा मंच पर प्र-कुलपति प्रा. पी.पी. माहुलीकर, स्पर्धा के समन्वयक प्रा. जे.बी. नाईक, सहसमन्वयक डा. सुनील कुलकर्णी, प्राचार्य उदय कुलकर्णी, प्राचार्य डा. एस.एन. पटेल, प्राचार्य डा. रामौय्या मौजुद थे. सहस्त्रबुद्धे ने आगे कहा कि देश की विद्यमान में होने वाली समस्याएं दूर करने के लिये विज्ञान तकनीकी ज्ञान उपयुक्त साबित हो रहा है. संशोधन के कारण एकात्मिक दृष्टी प्राप्त होती है. फिर भी विज्ञान तकनीकिज्ञान का विस्तार अंग्रेज भारत में आने के बाद हुआ ऐसी गलतफहमी है. वास्तव में अंग्रेज आने से पहले इस देश में विज्ञान-तकनीकिज्ञान अस्तित्व में था.
भारत को अखंड ज्ञान की बड़ी परंपरा है. इस समृद्ध परंपरा एवं ज्ञान की विरासत लेकर युवा पिढी ने आगे बढऩा चाहिए. अभी के विज्ञानिक भी इस पंरपरा को आधुनिकता से जोडऩे का प्रयास कर रहे है. जिसके कारण इस समृद्ध इतिहास का अवलोकन युवा पिढ़ी ने सतत करने की बात भी उन्होने कही. अध्यक्षीय भाषण में कुलपति पी.पी. पाटील ने वैज्ञानिक संस्कृती आचरण में लाने के लिये अविष्कार का बड़ा योजना होने की बात कहकर सामान्य जनता के लिये संशोधन होने की अपेक्षा व्यक्त की.
शुरूआत में अविष्कार के समन्वयक जे.बी.नाईक ने प्रस्तावना की. विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के संजय पत्की एवं उनके विद्यार्थियों ने अविष्कार स्वागत गीत प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन जी.ए.उस्मानी एवं डा.आशुतोष पाटील ने किया. सहसमन्वयक डा.सुनील कुलकर्णी ने आभार माना. जलगाव, धुलिया, नंदुरबार व विश्वविद्यालय प्रशाला में जिलास्तरीय अविष्कार संशोधन प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिये डा. उदय कुलकर्णी, व प्रा.मनोज चोपडे, मुलजी जेठा महाविद्यालय, जलगाव, डा.एस.एन.पटेल व प्रा.दिनेश पाटील, एसपीडीएम महाविद्यालय, शिरपूर, डा.रामौय्या व डा.एस.आर.गोसावी, ए.एस.एम. महाविद्यालय, तलोदा का स्मृतिचिन्ह एवं प्रमाणपत्र देकर गौरव किया गया. इस प्रतियोगिता में कुल 345 प्रवेशिका है 61 मॉडल्स एवं 284 पोस्टर द्वारा विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुती दी. प्रतियोगिता में बीट क्वॉईन, बायोगैस प्लॉन्ट, स्मार्ट सीटी प्लानिंग, मोबाईल, कॅमेरा असेंब्ली ऑन मायक्रोस्कोप, मिट्टी के बीना पानी पर सेंद्रिय खेती, डीएनए कॉम्प्युटिंग, जेनेरिक औषधी वितरण, बायोएनर्जी ऑफ कॉटन अॅग्रोवेस्ट, देशी गाय, बोली व्याकरणा का तौलनिक अभ्यास, गोमूत्र, गैस सेन्सींग, हिअरींग बाय टिथ, सोलार हायब्रीड सिस्टीम, पाण्याचे शुध्दीकरण, भारत की बेरोजगारी, भ्रष्टाचार से मुक्ती, मिट्टी बिना टेरस गार्डन, गणित विषय के लिये कचरे युक्त घटक से शैक्षणिक सामग्री का विकसन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, समाज के लिये लैंगीक शिक्षण, होममेक वैक्यूमक्लीनर,आंतरजालपर हिंदी प्रयोग के विविध रूप आदि विषयों पर विविध प्रकार के संशोधन विद्यार्थियों ने पोस्टर एवं मॉड्यूल्स द्वारा प्रस्तुत किये. इन सभी का परीक्षकों ने मूल्यांकन किया.
शनिवार को पुरस्कार वितरण समारोह
अब शनिवार की सुबह इसमें चुने गए पोस्टर का मौखिक प्रस्तुतीकरण होगा. शाम 4 बजे पुरस्कर वितरण समारोह कुलपति पी.पी.पाटील की अध्यक्षता में होगा. इस समारोह के लिये प्रमुख अतिथी के रूप में भाभा केंद्र के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.रमेश जकाती यह उपस्थित रहेंगे. विशेष अतिथी के रूप में विज्ञान प्रसार के प्रकल्प अधिकारी डा. इरफाना बेगम रहेंगी.