इससे पहले दिसंबरमे किया था आंदोलन
दस दिनमे समस्या सुलझाने का प्रकल्प अधिकारीने दिया था आश्वासन
‘बेटी बचाओ,बेटी पढाओ का नारा हो रहा खोकला जस की तस बनी हुई है परिस्थिति
शिरपुर( तेजसमाचार प्रतिनिधी ): शासकीय आदिवासी कन्या छात्रावास बोराडी.शिरपूर कि लडकियों ने हॉस्टल अधिक्षक के तबादले ,पानी,स्वच्छता,निर्वाह भत्ता आदि प्रमुख समस्याओं की माँगो को लेकर बोराडी से सबेरे दस बजे कडी धूप मे प्रकल्प कार्यालय धुलिया के लिये पैदल मोर्चा निकाला । इससे पहले भी 11 दिसंबर को लडकियों ने उक्त समस्याओं पर आंदोलन किया था ।उस वक्त प्रकल्प अधिकारी ने भेंट देकर दस दिन मे समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया था लेकिन एक भी समस्या का समाधान आज तक नहीं हुआ । जिसे लेकर छात्राओं ने अपनी माँगो को लेकर कडी धूप मे पैदल मोर्चा निकाला।
लडकियों का जन्मदर और शिक्षा मे प्रमाण बढाने के लिये सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ का नारा दे रही है। लेकिन पुरे महाराष्ट्र मे हर दिन कहीं ना कहीं आदिवासी छात्रों का आंदोलन शुरू है। बोराडी की लडकियों के हॉस्टल मे अधिक्षक उपस्थित ना रहना आम बात है । पुरा साल बीत गया लेकिन प्रतिमाह मिलने वाला निर्वाह भत्ता अभी तक नही मिलना, पानी, उत्कृष्ट पौष्टिक आहारआदि मौलिक समस्याएं आज भी कायम है। जिसको लेकर इस से पहले 11 दिसंबर को लडकियों ने आंदोलन पुकारा था। उस वक्त प्रकल्प अधिकारी ने दस दिन मे समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया था। अप्रेल आने को है लेकिन समस्या दिन ब दिन जटील बनती जा रही है। प्रतिमाह मिलने वाला निर्वाह भत्ता में से लडकियों को एक रूपया भी नही मिला। वहीं पानी के नल पुरे पॅक होने से पानी की गंभीर समस्या होने की जानकारी आंदोलनकारी छात्रा ने दी। वहीं आंदोलन के संदर्भ मे प्रकल्प अधिकारी से संपर्क करने पर छात्रावास की समस्या सुलझाने को कहते हुए अधिक्षक पर कर्तव्य मे कसुर करने के लिये आदिवासी विकास आयुक्त नासिक से शिकायत करने को कहा।
दिसंबर के आंदोलन के वक्त प्रकल्प अधिकारी ने दस दिन मे समस्या सुलझाने को आश्विसित किया था। लेकिन एक भी समस्या नही सुलझी. पानी के नल बंद होने से फिलहाल पानी की काफी दिक्कत है। प्रतिमाह का निर्वाह भत्ता भी नही मिला।
अनिता वलवी, आंदोलनकारी छात्रा
लडकियोंकी समस्या तत्काल सुलझाने के साथ अधिक्षकपर कर्तव्य मे कसुर करने को लेकर वरिष्ठ कार्यालयसे सिफारिश करूंगा।
प्रकल्प अधिकारी, धुलिया