नई दिल्ली ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ) – उच्चतम न्यायालय ने केरल के ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक से संबंधित मामला शुक्रवार अपनी संविधान पीठ को भेज दिया। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश निषेध का मामला एक संवैधानिक पीठ को भेजने के निर्देश दिए हैं।
संविधान पीठ के लिए कई सवाल तैयार किए जिनमें यह भी शामिल है कि क्या मंदिर महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा सकता है । उच्चतम न्यायालय ने यह सवाल भी तैयार किया कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना क्या संविधान के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन है। पीठ ने कहा कि संविधान पीठ इस सवाल पर भी विचार करेगी कि क्या इस प्रथा से महिलाओं के खिलाफ भेदभाव होता है ।
प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में 15 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की आयु की महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है । न्यायालय ने मामला संविधान पीठ को भेजे जाने के मुद्दे पर 20 फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सबरीमाला मंदिर प्रबंधन का कहना है कि प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है , क्योंकि मासिक धर्म के समय वे ‘‘शुद्धता’’ बनाए नहीं रख सकतीं। उच्चतम न्यायालय मंदिर में ऐसी महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की प्रथा को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। विगत वर्ष सात नवंबर को केरल सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि वह ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में है।