लखनऊ (तेज समाचार प्रतिनिधि) उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के बाद 11 मार्च को जब चुनाव के नतीजे घोषित किए गए, तो ‘न भूतो, न भविष्यते’ कुछ इस तर्ज पर भाजपा ने 325 सीटें जीत कर पूरे देश में भूचाल ला दिया. लेकिन 11 मार्च के बाद सभी को इस बात का इंतजार था, कि अब इतनी बड़ी जीत के बाद उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री की सीट किए सौंपी जाएगी. शुक्रवार रात तक मनोज सिन्हा का नाम मीडिया में तेजी से चलता रहा, लेकन शनिवार की शाम भाजपा ने सभी के अनुमानों को दरकिनार करते हुए गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ के नाम की घोषणा कर दी. चुनाव में विजयी हुए विधायकों ने योगी आदित्याथ को अपना नेता चुन लिया. योगी आदित्यनाथ यूपी के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में रविवार को शपथ लेंगे.
मौर्य-शर्मा होंगे उपमुख्यमंत्री
भाजपा ने गोरखपुर से सांसद और गोरक्षनाथ पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के लिए चुन लिया है. लोकसभा चुनाव-2019 को देखते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग को अपने साथ बनाए रखने के लिए पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है. मौर्य के अलावा लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा को भी उपमुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया गया है.
आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में भाजपा के चौथे और कुल 21वें मुख्यमंत्री होंगे. इससे पहले कल्याण सिंह, रामप्रकाश गुप्ता तथा राजनाथ सिंह प्रदेश की भाजपा सरकारों में मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इनमें से कल्याण सिंह दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं.
विधायकों ने पहली पसंद बने योगी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के पहले से ही सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रचार काफी जोर-शोर से किया जा रहा था. लेकिन योगी ने मुख्यमंत्री की रेस से स्वयं को सदैव दूर रखा था. हालाकि चुनाव के बाद टीवी मीडिया ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री की रेस में शामिल कर लिया था, लेकिन योगी सदैव ही इस रेस में न होने की बात कहते रहे हैं. लेकिन अब विजयी विधायकों ने सर्वसम्मति से योगी को विधायक दल का नेता चुन लिया है.
पहले दिल्ली फिर लखनऊ
योगी आदित्यनाथ सीएम बनने से पहले दिल्ली गए थे फिर लखनऊ पहुंचने पर पर्येवेक्षक वेंकैया नायडू से मुलाकात की. इसके बाद ही लगने लगा था कि योगी यूपी के नए सीएम होंगे. विधायक दल की बैठक में जमकर योगी-योगी के नारे लगे और उन्हें यूपी की कमान सौंपने का फैसला ले लिया गया. योगी के नाम के ऐलान के बाद पूरा बीजेपी दफ्तर योगी-योगी के नारे से गूंज गया. इसके पूर्व, भाजपा राज्य मुख्यालय में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर नारेबाजी की. इनमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य, योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ कल्याण सिंह के भी समर्थक शामिल थे. इस बीच, राज्य के मुख्य विपक्षी दल सपा के राष्ट्रीय महासचिव नरेश अग्रवाल ने कहा कि उनकी पार्टी छह महीने तक प्रदेश की भाजपा सरकार का कामकाज देखेगी.