– 35 हजार से अधिक विद्यार्थिओं को उपाधि प्रदान
जलगांव (तेज समाचार प्रतिनिधि). विश्व में तकनीकी क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन के कारण भविष्य में रोजगार के असंख्य अवसर उपलब्ध होंगे. इन मौकों का युवकों ने लाभ लेने एवं वैश्विक नागरिक बनने का प्रयास करे, ऐसा आह्वान अमेरिका के प्रश्चात नवोपक्र मशील एवं उच्च तकनीकिभिमुख उद्यमी डा.अशोक जोशी ने किया. उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय का २६ वां उपाधी प्रदान समारोह मंगलवार को हुआ. इस दौरान स्नातको को डा.अशोक जोशी संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरू पी.पी.पाटील ने की. डा.जोशी ने उनके उद्योजकीय सफर का कथन करते समय आया अनुभव एवं उद्योजकीय नेतृत्व करने के लिए आवश्यक वाली कुशलता पर स्नातको पर संवाद साधा. डा.जोशी पॉवरपॉईंट से प्रस्तुतीकरण किया.
अमेरिका की केरामाटक इस टेक्नॉलॉजी कंपनी के अध्यक्ष डा.जोशी ने छह टेक्नॉलॉजी कंपनिओं की स्थापना में आई दिक्कतो पर निकाला मार्ग पर भाषण दिया. उन्होंने कहा कि विश्व में गरीबी कमी हो रही है, मनुष्य का जीवनस्तर बढ़ा है, जी.डी.पी. बढ़ा है, प्राकृतिक आपदा कारण मृत्यू की मात्रा कम हुई है. बिजली सभी ओर उपलब्ध है. सौरऊर्जा की कीमत कम हो रही है. खेती की तकनीकि बढ़ी है. यह सभी बदल केवल तकनीकि कारण होकर अगले १० वर्ष में अपना मोबाईल दस लाख गुना शक्तीमान होगा. चालक बिना गाड़ी चलेंगी.
तेजरफ्तार कम्प्युटर आएगा. रोबोट ने इन्सान की जगह ली है. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका से कुछ वर्षो पहले देश में आने पर उद्योग शुरू किया, लेकिन उसमें सफलता आई. कर्ज हुआ, वह कर्ज ब्याज सहित चुकता किया. वापस अमेरिका में जाकर सेरामेटीक कंपनी में वैज्ञानिक के रूप में नियुक्त हुआ. देश के अनुभवों से इस कंपनी में बेहद कुछ अच्छा नया करते आया, यही कंपनी आगे खरिद ली. साथ काम करने वाले सहयोगिओं को हमेशा प्रेरणा देनी चाहिए. भावना में न जाकर निर्णय लेना चाहिए. श्रद्धा, परिवार, समाज व काम इन चारो पहलुओं पर सुचारू जो देना चाहिए. जात एवं धर्म की ओर जाकर वैश्विक नागरिक होने का कहकर डा.जोशी ने अपनी राह में अनेको अपमानों को सहने की मन की तैयारी रखे. साथ ही इतिहास पर ज्यादा निर्भर न रहने की टिप्स स्नातको को दी.
अध्यक्षीय भाषण में कुलगुरू पी.पी.पाटील ने विश्वविद्यालय के कार्य का जायजा लिया. विद्यार्थिओं के लिए पिछले वर्षभर में चलाई गई योजनाओं की जानकारी दी. कार्यक्रम में दीक्षांत शोभायात्रा से सभा पंडाल में अतिथिओं का आगमन हुआ. विश्वविद्यालय का मानदंड लेकर शोभायात्रा के दर्शनी में कुलसचिव शरद जोशी थे. दीक्षांत शोभाायात्रा में प्रमुख अतिथी सहित अधिसभा सदस्य, विद्या परिषद सदस्य, व्यवस्थापन परिषद सदस्य यह शामिल थे. कार्यक्रम की शुरूआत विश्वविद्यालय गीत से शुरू हुई. प्रा.संजय पत्की व सहयोगिओं ने गीत प्रस्तुत किया. जिसके बाद विविध विद्याशाखाओं के प्रभारी अधिष्ठातों ने स्नातको को उपाधी प्रदान की. अधिष्ठाताओं में विज्ञान व तकनीकि शाखा के प्रभारी अधिष्ठाता प्राचार्य डी.आर.पाटील, वाणिज्य व व्यवस्थापन विद्याशाखा के प्रभारी अधिष्ठाता प्राचार्य पी.पी.छाजेड, मानवविज्ञान विद्याशाखा के अधिष्ठाता प्राचार्य बी.एन.पाटील एवं अंतरविद्याशाखीय अध्ययन विद्याशाखा की अधिष्ठाता प्राचार्य श्रीमती एल.एस.मोरे का समावेश था.
इस बीच मेधावी सुचि के ८४ विद्यार्थियों को अतिथिओं को स्वर्णपदक दिया गया. स्वर्णपदक विजेता विद्यार्थिओं की सुची का पठन परिक्षा व मुल्यमापन मंडल के प्रभारी संचालक ए.बी.चौधरी ने किया. कार्यक्रम का संचालन डा.आशुतोष पाटील व सुरेखा पालवे ने किया. इस दौरान मंच पर प्र-कुलगुरु पी.पी.माहुलीकर, व्यवस्थापन परिषद सदस्य दिलीप पाटील, एस.टी.इंगले, प्राचार्य डी.एस.सुर्यवंशी, प्राचार्य एल.पी.देशमुख, नितीन बारी, मोहन पावरा, डा.सुभाष चौधरी, विवेक लोहार, दीपक पाटील, डा.प्रशांत कोडगिरे, कुलसचिव बी.बी.पाटील, डा.केशव तुपे, डा.बी.डी.कज्हाड सहित सुरेखा जोशी, संतोष मेकल, सरोज मेकल, गोपी मयुर, संध्या मयुर तथा जिलाधिकारी किशोर राजे निंबालकर, जिला पुलिस अधिक्षक दत्तात्रय कराल उपस्थित थे. उपाधी प्रदान समारोह में 3५ हजार १६४ स्नातकों को उपाधि बहाल की गई. जिसमें विज्ञान व तकनीकि विद्याशाखा के 11 हजार 925 स्नातक, वाणिज्य व व्यवस्थापन विद्याशाखा के 3 हजार 325 स्नातक, मानव्य विद्याशाखा के 5 हजार 242 एवं अंतर विद्याशाखा के 663 स्नातकों का समावेश है. मेधावी सुची के ८४ विद्यार्थिओं को स्वर्णपदक दिया गया. समारोह में प्रत्यक्ष उपाधी लेने के लिए २१ हजार १५५ विद्यार्थिओं ने पंजीकरण किया था. जिसमें २२२ पीएच.डी.धारक विद्यार्थी है.